अटूट श्रद्धा का द्वार : बाबा सिद्धबली धाम
कोटद्वार: स्थित श्री सिद्धबली धाम हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। बजरंग बली जी के इस पौराणिक मंदिर का जिक्र स्कंद पुराण में भी है। श्री सिद्धबली बाबा के दर्शन को देश एवं विदेश से श्रद्धालु यहां उमड़ते हैं और मंदिर में मत्था टेककर मनोकामना मांगते हैं। बाबा अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करते। मुराद पूरी होने के बाद श्रद्धालु मंदिर में भंडारा कर भोग लगाते हैं।
श्री सिद्धबली धाम कोटद्वार में बाबा की चौखट से कोई भी श्रद्धालु निराश नहीं लौटता है। मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद यहां पूरी होती है। मनोकामना पूरी होते ही भक्त मंदिर में भंडारा कर हनुमान जी को भोग लगाते हैं। श्रद्धालुओं पर बजरंग बली की नेमत इस कदर बरसती है कि यहां भंडारा आयोजन के लिए भक्तों को सालों साल इंतजार करना पड़ता है। धाम में अगले सात वर्षों यानी 2025 तक भंडारों की एडवांस बुकिंग चल रही है।श्री सिद्धबली धाम की ख्याति देश ही नहीं, बल्कि विदेशों तक है। हर साल लाखों भक्त देश एवं विदेश से धाम पहुंचते हैं। आदिकाल में मंदिर स्थल पर सिद्ध पिंडियां थीं। 80 के दशक में मंदिर में बाबा की मूर्ति स्थापित हुई। इसके बाद ही मंदिर का सुंदरीकरण हुआ। कहा जाता है कि हनुमान जी संजीवनी बूटी लेने के लिए इसी रास्ते गए थे।