आधार से जुड़ेगा ड्राइविंग लाइसेंस: शरू हो गयी तेयारी

 

 उच्चतम न्यायालय को बुधवार (7 फरवरी) को सूचित किया गया कि फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस की समस्या दूर करने के लिये केन्द्र सरकार ड्राइविंग लाइसेन्सों को आधार नंबर से जोड़ने की प्रक्रिया पर काम रही है और सभी राज्यों को इसके दायरे में लाते हुये एक नया साफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है. न्यायमूर्ति मदन बी. लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ को उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश के एस राधाकृष्णन की अध्यक्षता में शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त सड़क सुरक्षा समिति ने इसकी जानकारी दी. इस समिति द्वारा दी गयी यह जानकारी महत्वपूर्ण हो गयी है क्योंकि इस समय प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ आधार योजना और इससे संबंधित कानून की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई कर रही है.

समिति ने शीर्ष अदालत में दाखिल अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उसने पिछले साल 28 नवंबर को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के संयुक्त सचिव के साथ फर्जी लाइसेंस प्राप्त करने की समस्या और इसे समाप्त करने सहित अनेक बिन्दुओं पर विचार विमर्श किया था. रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘फर्जी लाइसेंस के बारे में संयुक्त् सचिव ने सूचित किया कि एनआईसी सारथी-4 तैयार कर रहा है जिसके अंतर्गत सभी लाइसेन्स आधार से जोड़े जायेंगे. यह साफ्टवेयर सही समय के आधार पर सारे राज्यों को अपने दायरे में लेगा और फिर किसी के लिये भी डुप्लीकेट या फर्जी लाइसेन्स देश के किसी भी हिस्से से लेना संभव नहीं होगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published.

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.