आप आनंद से भर जायेंगे करे ये उपाय
सभी धर्म शास्त्रों एवं बड़े बुजुर्ग सदा से यही कहते आए हैं कि मन को सदा प्रसन्न रखना चाहिए । प्रसन्न और हंसमुख व्यक्तित्व सभी को भाता है ।
आज की इस तनावभरी जिंदगी में मन की शांति पाना कल्पना लगता है।
जीवन में सुख-दुख धूप धूप छांव की तरह आते जाते हैं।प्रसन्न वाले के सामने दुखी मनुष्य का कष्ट प्रसन्ता में निम्न हो जाएगा वह भी प्रसन्नता का अनुभव करेगा। हम सभी सदैव प्रसन्न रहें तो दुखों के पहाड़ भी छोटे लगते हैं। परंतु उसके लिए आपको प्रयास करने होंगे व अभ्यास करने होंगे।
यदि आप सूर्योदय से पूर्व उठते हैं और ताजी हवा लेने के लिए बगीचे या पार्क में सैर के लिये जा सकते हैं तो आपने प्रसंता की पहली सीढ़ी हासिल कर ली। जाने से पूर्व आप अपनी आंखों व मुहँ पर ठंडे पानी के छींटे मारे। चेहरा धोकर एवं प्रसन्न चित्त से पार्क में प्रवेश करे। नई ताजगी का अनुभव करे । जितना भी समय आप पार्क में व्यतीत करेंगे उतना ही समय आपके मन को आनंद से विभोर कर देगा।
मन में आनंद की लहरें चेहरे पर उत्साह और शरीर में नवीन ऊर्जा प्रस्फुटित होने लगेगी । किंतु इसका नित्य अभ्यास जरूरी है तभी आपके मन के भाव प्रसंता से ओतप्रोत होंगे ।
प्रातकाल टहलना योग आदि करना केवल हमारे शरीर को जीवन शक्ति से भर देता है बल्कि हमारे विचारों मे भी नवीनता लाता हैं। हमारे विचार नकारात्मक ना होकर आशावादी होने लगते हैं। प्रातः काल उगते सूरज को देखना , चिड़ियों की चहचहाहट , खुला हुआ नीलाकाश और ओस से भीगी हुई घास कुल मिलाकर शरीर को एक कभी न खत्म होने वाली प्राण दायक ऊर्जा भर देती है। ध्यान रखें प्रातकाल पार्क में या सैर करते समय आपके मन में निराशा को स्थान न दें।
यदि आप 30 साल से कम उम्र के हैं तो दौड़ते हुए पार्क में दो-तीन चक्कर लगाए इससे आपका उत्साह बढ़ेगा मांसपेशियां का व्ययाम होगा।उत्साह की वृद्धि होगी।
यदि आप की उम्र 40 50 के बीच की है और यदि आपको रक्तचाप या मधुमेह की शिकायत हो तो शुरू में आप अपने हिसाब से संभाल कर समान्य गति से चक्कर लगाए । कुछ दिन के अभ्यास के उपरांत गति को बढा सकते है। इससे कोलेस्ट्रॉल कम होने में मदद मिलेगी, नियंत्रित होगा परंतु बीच-बीच में अपना चैकअप का ध्यान अवश्य रखें।
यदि आप की उम्र 60 से ऊपर हैं तथा जोड़ों के दर्द से पीड़ित है तो धीरे धीरे सैर करें जोड़ों पर सूर्य की किरणों का प्रभाव पड़ने दे। हल्के व्ययाम भी आप कर सकते हैं । इससे आपके शरीर के जोड़ों का आराम मिलेगा । अच्छे स्वास्थ्य के लिए सूर्योदय से पूर्व खुली हवा में मैं टहलना , गहरी सांस लेना स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक है ।
इसके साथ साथ ही मन की शांति के लिए भी मन पर नियंत्रण से क्रोध पर नियंत्रण, अवसाद से मुक्त रहने, उत्साहित बने रहने, लंबी सोच की ताकत देने, नकारात्मकता को नियंत्रित करने, स्फुरित विचारों पर नियंत्रण, निर्णय लेने की क्षमता में बढ़ोतरी और परिस्थितियों से सामना करने की ताकत देता है। आपको यह जग अच्छा लगने लगता है।
हमारे ऋषि मुनियो का कहना है जिसकी आत्मा मन और सारी इंद्रियां अंग प्रत्येक प्रसन्न है वही सुखी और स्वस्थ है ।