आयुर्वेद को विश्व मे पुनः सर्वोच्च स्थान पर स्थापित करना ही लक्ष्य : स्वामी रामदेव

बहादराबाद। आज पूरे देश के लिए गौरव का विषय है कि पतंजलि संस्थान के आचार्य बालकृष्ण को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए यूनिसेफ नेशनल डेवलपमेंट गोल द्वारा विश्व के के 10 सबसे प्रतिभाशाली व्यक्तित्व की श्रेणी में स्थान दिया गया है। यह बात स्वामी रामदेव ने बुधवार को एक पत्रकार मिलन कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने कहा कि पतंजलि ने हमेशा ही भारत देश को अपनी माता मानते हुए अपने कर्म व धर्म को परम कर्तव्य की भावना से वैदिक ज्ञान को सर्वोपरि स्थान दिलाने का प्रयास किया है।उन्होंने कहा कि पतंजलि ने कभी भी किसी सूची में स्थान पाने के लिए कोई कार्य नहीं किया अपितु समाज सेवा में अहर्निश संलग्न रहकर मानवता की सेवा करने का संकल्प लिया है।उन्होंने बताया कि पतंजलि विश्व स्वास्थ्य सुधार के लिए वर्षो से कार्यरत है पतंजलि के रिसर्च सेंटर में 500 वैज्ञानिक कार्यरत है जो प्रतिदिन विभिन घातक बीमारियों को समूल नष्ट करने की दवाइयां खोजने में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि योग और आयुर्वेद भारत की प्राचीन धरोहर है जिस प्रकार आज योग की महत्ता को समूचा विश्व मानव जीवन की एक महत्वपूर्ण क्रिया मानने के लिए बाध्य हुआ है ठीक उसी प्रकार आयुर्वेद को भी विश्व में पुनः सर्वोच्च स्थान पर स्थापित करते हुए करोड़ों साध्य-असाध्य रोगों से पीड़ित रोगियों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने के आचार्य बालकृष्ण और पतंजलि कृतसंकल्प है।उन्होंने बताया कि यु एन एस डी जी अनेक समाज सेवी कार्यों में संलग्न है जिनमे प्राथमिक स्वास्थ्य व्यवस्था व यूनिवर्सल हेल्थ,गरीबी उन्मूलन,विश्व में शांति समृद्धि की स्थापना प्रमुख है। बताया कि आगामी 25 मई को यु एन ओ द्वारा जेनेवा में यु एन एस डी जी हेल्थ सम्मिट में आचार्य बालकृष्ण महाराज को स्पीकर के रूप में आमंत्रित किया जाना भारत देश के लिए गौरव की बात है। उन्होंए बताया कि उक्त आयोजन वर्ल्ड हेल्थ फोरम द्वारा किया जा रहा है जिसका लक्ष्य वैश्विक सार्वजानिक स्वास्थ्य और विकास को मंच प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि इस स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन का उद्देश्य सस्ती प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच प्रदान करना स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करना और सामुदायिक जिला स्तर और देश के अनुसार स्वास्थ्य सेवा वितरण में तेजी लाना है। इस प्रकार यूनिवर्सल हेल्थ केयर के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इस शिखर सम्मेलन में नए सरल पारदर्शी और जवाबदेह लोगों लोगों के विकास द्वारा समर्थित नए और नवीन समाधानो का प्रस्ताव किया जाएगा। आचार्य बालकृष्ण को आयुर्वेद और योग के क्षेत्र में उत्थान और नवीन अनुसंधान के प्रति समर्पण के लिए इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुना गया है। वह यूएन एसडीजी जिनेवा में स्वास्थ्य सम्मेलन के लिए अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने बताया कि इस सबमिट में 50 देशों से लगभग 500 प्रतिभागी भाग लेंगे।
 इस कार्यक्रम में देशों के प्रमुख स्वास्थ्य मंत्री नीति निर्माता उद्योग और सिविल सोसायटी के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों समेत विश्व स्वास्थ्य संगठन के शीर्ष अधिकारी तथा विख्यात वैज्ञानिक शामिल होंगे। शल्य चिकित्सा आयुर्वेद को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा की शल्य चिकित्सा एक क्रिया है पैथी नहीं है। इस क्षेत्र में भी आयुर्वेद अग्रणी है महर्षि सुश्रुत आयुर्वेद के प्रथम शल्य चिकित्सक के रूप में जाने जाते हैं। स्वामी रामदेव ने कहा की पतंजलि द्वारा पांच लाख नए श्लोकों नए शास्त्रों की रचना की जा रही है। पतंजलि का मकसद स्वार्थ का नहीं है केवल परमार्थ का है हमें करोड़ों लोगों का साथ और आशीर्वाद मिला है उन्हीं के विश्वास के सहारे पतंजलि आगे बढ़ रही है। एक राजनीतिक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा की आगामी 23 मई के बाद देश का स्वास्थ्य भी अच्छा होने वाला है, देश को एक मजबूत निर्णय लेने वाला संकल्प वाली सरकार जिसे नकारने का संपूर्ण विश्व में साहस न हो ऐसी सरकार मिलने जा रही है। पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान हुई घटना की भर्त्सना करते हुए उसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया।