उत्तराखंड आंदोलन के 42 शहीदों के नाम पर हो गंगा घाट

हरिद्वार।
उत्तराखण्ड क्रांतिदल के कार्यकर्ताओं के प्रतिनिधिमण्डल ने जिला अध्यक्ष राकेश राजपूत के नेतृत्व में कुम्भ मेला अधिकारी को ज्ञापन प्रस्तुत कर पूरे जनपद को कुंभ क्षेत्र में शामिल किए जाने की मांग की है।
 ज्ञापन सौंपने के दौरान राकेश राजपूत ने कहा कि पूरे जनपद को कुंभ क्षेत्र में शामिल किया जाए। ताकि कुंभ निधि से होने वाले विकास कार्यो का लाभ पूरे जनपद को मिल सके। राकेश राजपूत ने कहा कि 2010 में संपन्न हुए कुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ जनपद के रूड़की, लकसर आदि क्षेत्रों तक फैली रही। 2021 में होने वाले कुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की संख्या में भी इजाफा होने की उम्मीद जतायी जा रही है। सरकार व प्रशासन का अनुमान है कि 2021 के कुंभ में 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचेंगे। इतनी भारी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पूरे जनपद में व्यवस्थाएं की जानी चाहिए। इसके लिए पूरे जनपद को कुंभ क्षेत्र में शामिल कर विकास कार्य कराएं जाएं। जिससे की कुंभ निधि से होने वाले विकास कार्यो का लाभ पूरे जनपद को मिल सके और श्रद्धालुओं को भी बेहतर सुविधाएं प्राप्त हों। उन्होंने कहा कि अध्यात्म उत्तराखण्ड की विरासत है। अलग राज्य बनाने के लिए प्रदेश वासियों ने कई कुर्बानियां दी हैं। महिला व युवा आंदोलनकारियों ने अलग राज्य के लिए प्राणों का बलिदान तक कर दिया। अलग राज्य बनने के बाद अस्तित्व में आयी सरकारों ने आन्दोलनकारियों के सपनों को चकनाचूर कर दिया। राकेश राजपूत ने कहा कि अलग राज्य के लिए शहादत देने वाले 42 आंदोलनकारियों की स्मृतियों को संजोए रखने के लिए कुंभ निधि से बनाए जा रहे घाटों में किसी एक घाट का नामकरण राज्य आंदोलनकारी शहीद घाट किया जाए। ताकि राज्य की जनता के साथ देश भर से आने वाले श्रद्धालु भी शहीदों के बलिदान को याद रखें। प्रतिनिधिमण्डल में दीपक गौनियाल, सरिता पुरोहित, रविन्द्र वशिष्ठ, राजीव देशवाल, मास्टर अशोक शर्मा, रणविजय मानसिंह, वीरेंद्रपाल सिंह, मनोज कुमार, धर्मेन्द्र कौशिक आदि शामिल रहे।