उत्तराखंड में मिली बिल्डरों को राहत
राज्य मंत्रिमंडल ने बुधवार को रियल एस्टेट नियमन व विकास कानून (रेरा) के तहत पंजीकरण नहीं कराने वाले बिल्डरों और कॉलोनाइजर को बड़ी राहत दी है। उन्हें अब तक पंजीकरण नहीं कराने पर विलंब शुल्क नहीं देने का निर्णय किया गया है, साथ ही पंजीकरण के लिए मोहलत बढ़ाकर 28 फरवरी की गई है। वहीं व्यापारियों के लिए भी वर्ष 2016-17 की सालाना विवरणी (रिटर्न) देने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर, 2017 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2018 की गई है।
अब बिल्डरों व कॉलोनाइजर को मंत्रिमंडल ने राहत देते हुए रेरा के तहत पंजीकरण कराने की समय अवधि बढ़ाकर 28 फरवरी नियत कर दी है। इसके बाद एक मार्च से 31 मार्च तक परियोजना लागत का एक फीसद, एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक परियोजना लागत का दो फीसद, एक मई से 31 मई तक परियोजना लागत का पांच फीसद और एक जून के बाद परियोजना लागत का 10 फीसद बतौर विलंब शुल्क लिया जाएगा।