उत्तराखंड सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर दिया यह निर्देश
नई दिल्ली: लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आज बताया कि सरकार लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर नया एक्ट ला रही है. सरकार ने कहा कि नए एक्ट को लेकर बिल विधानसभा में पेश हो चुका है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नया एक्ट आने के तीन महीने के भीतर लोकायुक्त की नियुक्ति करें.
लोकायुक्त एजेंसी है सूचना के अधिकार अधिनियम के दायरे में
सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय की याचिका का निस्तारण किया. गौरतलब है कि 5 जुलाई 2017 को हुई पिछली सुनवाई में उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि लोकायुक्त बिल को लेकर कुछ संशोधन किये हैं और ये बिल अगले विधानसभा सत्र के दौरान पेश किया जाएगा. उस सत्र में बिल को पास कराकर लोकायुक्त की नियुक्ति कर देंगे लेकिन अभी इसमें 6 महीने का समय लगेगा क्योंकि अगला विधानसभा सत्र 6 महीने के बाद शुरू होगा.
दरअसल उत्तराखंड सरकार को लोकायुक्त की नियुक्त करने का निर्देश देने संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था. अश्विनी उपाध्याय ने अपनी याचिका में कहा था कि लोकायुक्त को लेकर उत्तराखंड का अधिनियम बेहद अच्छा है और वर्ष 2011 में विधानसभा में सर्वसम्मति से इससे संबंधित विधेयक पारित हुआ था.साल 2013 से राज्य में लोकायुक्त का पद रिक्त है. राज्य में 700 से अधिक भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतें लंबित हैं. उत्तराखंड के इस अधिनियम में लोकायुक्त के दायरे में मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्री और सरकारी नौकर हैं. पूर्व मुख्यमंत्री, विधायक और सेवानिवृत्त सरकारी नौकर भी इसके दायरे में हैं. इसके तहत दोषियों को उम्रकैद की सजा और संपत्ति जब्त करने का प्रावधान है.