एक के बाद एक तीन गुलदारो के शव मिले, पोस्टमार्टम में जहर की पुष्टि हुई

लालढांग।

दीपक

क्षेत्र में एक साथ तीन गुलदार की मौत होने से पूरे वन विभाग में हड़कम्प मच गया। तीनो गुलदारों की मौत एक किमी के दायरे में हुयी।यही नहीं तीनो गुलदारो का शव  तीन अलग अलग डिवीजन में पड़े मिले। जिससे पूरा वन महकमें में हड़कम्प मच गया है। बताते चले की गुरूवार शाम को चिड़ियापुर रेंज कार्यालय को खबर मिली कि लालढांग में एक गुलदार का शव दिखाई दिया। जिस पर चिड़ियापुर रेंज अधिकारी मुकेश कुमार गुरूवार की रात को अपनी टीम के साथ शव को ढूंढने निकल पड़े।मगर रात के अंधेरे में शव का पता नहीं चल पाया। शुक्रवार की सुबह एक बार फिर तलाश शुरू हुई। टीम को लालढांग काली माता मंदिर के पीछे एक नर गुलदार का शव दिखाई दिया।जिसको पोष्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।प्रथम दृष्टया देखने पर विभाग को अनुमान हुआ की गुलदार की मौत जहर से हुयी है। यह जानने के लिए की कही अन्य जानवर जहर की चपेट में तो नहीं आया इसके लिए विभाग की टीमो ने दौड़ लगानी शुरू कर दी। कुछ ही देर में राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क की रवासन रेंज में एक अन्य नर गुलदार का शव  पाया गया, कुछ ही देर बाद लैन्सडाउन वन प्रभाग की लालढांग रेंज में तीसरे गुलदार का शव भी बरामद हो गया। सुचना मिलने पर डीएफओ आकाश वर्मा तुरन्त मौके पर पहुंचे।तीनो शवों को देखकर लगता था कि तीनों गुलदारो की मौत दो या तीन दिन पहले हुयी होगी।शवों से दुर्गंध आने लगी थी शरीर फूलने के साथ साथ मक्खियां भी लगने लगी थी।तीनो शव एक किमी के दायरे में ही पाये गये।साथ ही तीनो अलग-अलग डिवीजन हरिद्वार डिवीजन, राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क की रवासन रेंज और लैन्सडाउन डिवीजन के लालढांग रेंज में पाए गए। जिससे मामला और ज्यादा गम्भीर हो गया। क्षेत्र में इस तरह की यह पहली घटना हुई जिस कारण पुरे इलाके में अलग सा माहौल पैदा हो गया।सबकी जुबान पर यही चर्चा चल रही है। मौके में पहुंचे वन प्रभागीय अधिकारी आकाश वर्मा ने बताया कि मोके पर तीनों गुर्जरों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है  इन को जहर देने की पुष्टि हुई है  जब उनसे पूछा गया क्या इसमें  किसी शिकारी  कभी हाथ हो सकता है  तो उन्होंने इस बात भी नकारा नहीं  उन्होंने कहा कि सभी पहलुओं पर  नजर रखी जा रही है  पूरे मामले की जांच की जाएगी।चूँकि तीनो शव रवासन नदी के आसपास ही मिले जिस कारण जहर की गुंजाइश और बढ़ जाती है तीनो गुलदारो की उम्र चार से आठ साल के बीच है तीनो नर गुलदाऱ है। अभी खोजबीन चल रही है।