कंप्यूटर शिक्षण संस्थान की मान्यता पर उठे सवाल, छात्रों ने किया हंगामा

हरिद्वार।
 भेल सेक्टर 1 स्थित स्कूल ऑफ कंप्यूटर एजुकेशन में कार्यरत एक अध्यापक को इंस्टीट्यूट में ना घुसने देने व इंस्टीट्यूट की मान्यता 2013 में समाप्त होने के बाद अवैध तरीके से इंस्टीट्यूट को चलाने व छात्रों का भविष्य बर्बाद करने के आरोप पर छात्रों व इंस्टीट्यूट मैनेजमेंट के बीच जमकर हंगामा हुआ। 
प्राप्त जानकारी के अनुसार इंस्टीट्यूट में अध्यापक सुधांशु अप्रैल 2019 से तैनात हुआ व छात्रों को पढ़ा रहा है। लेकिन जब उसे पता चला कि इंस्टीट्यूट की मान्यता 2013 में समाप्त हो चुकी हैं तो उसने मैनेजमेंट से उसकी बात की जहा मैनेजर विवेक भटनागर ने अध्यापक को कहा कि वो अपने काम से काम रखे ज्यादा इधर उधर की बातों पर ध्यान ना दे। उसके बाद अध्यापक ने छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए छात्रों को इंस्टीट्यूट की मान्यता 2013 के बाद रद्द होने की बात बताई। उसके बाद छात्रों का कहना है कि उन्होंने जब साइट पर चैक किया तो वहां 2013 तक ही इंस्टिट्यूट की मान्यता देखी गयी।
जिसको लेकर उन्होंने मैनेजमेंट से बात करनी चाही लेकिन मैनेजमेंट की और से कोई भी संतुष्टिपूर्ण जवाब उन्हें नही मिला। जिसको लेकर काफी हंगामा हुआ छात्रों ने पूछा कि उनके अध्यापक को इंस्टिट्यूट में क्यो नही घुसने दिया जा रहा तो उन्हें यह कह दिया गया कि ये मैनेजमेंट का अपना मामला है। मामला इतना बढ़ा कि मैनेजमेंट द्वारा सीआईएसएफ को भी बुला लिया गया। काफी देर बाद कुछ लोगो के समझाने से छात्र- छात्राये वहा से चले गये । लेकिन जब मैनेजर विवेक भटनागर से मान्यता सर्टिफिकेट के बारे में पूछा तो उन्होंने यह कहकर टाल दिया कि अभी रिनुअल होने के लिये गया है, और उनके स्कूल के बच्चों का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन उन्ही के इंस्टीट्यूट के माध्यम से किया जा रहा है । अब बड़ा सवाल ये है कि अगर इंस्टीट्यूट की मान्यता है तो उसके कोई दस्तावेज क्यो नही है । और अगर मान्यता नही है तो इंस्टिट्यूट के नाम से रजिस्ट्रेशन कैसे हो रहे है ? पूरे मामले का खुलासा तो सम्बन्धित विभाग के द्वारा जांच में ही पता किया जा सकता है। फिलहाल इंस्टीट्यूट के मैनेजर विवेक भटनागर द्वारा मान्यता होना बताया जा रहा है। जबकि छात्रों और पीड़ित शिक्षक का कहना है कि 2013 के बाद मान्यता नही मिली है।