किसकी शह ओर इशारे पर काटे जा रहे है ये हरे भरे पेड़ * कहां सो रहा है उद्यान विभाग क्यों नही करता इन माफियाओं के खिलाफ कोई कार्यवाही * प्रसाशन की मिली भगत से सरकार की योजनाओं की धज्जियां उड़ा रहे येे माफिया * प्रतिबंधित पेड़ो पर रात होते ही चल पड़ती है आरियाँ और कुल्हाड़े * रात होते ही क्षेत्र में गायब हो जाते है सागौन जैसे प्रतिबंधित हरे भरे पेड़।

हरिद्वार।
मनीष पॉल
एक ओर जहां गढ़वाल कमिश्नर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जिले के आला अधिकारियों से 16 जून को वृहद स्तर पर वृक्षारोपण की बात कर तैयारियों का जायजा ले रहे है। वही धर्मनगरी ओर आस पास के इलाको में प्रतिबंधित पेड़ो का कटान लगातार चल रहा है।
रोशनाबाद टिहरी विस्थापित क्षेत्र जहां आज आबादी तो बस चुकी है। लेकिन  इस आबादी के साथ साथ हरे भरे उन पेड़ो को मौत के घाट उतारा जा रहा है। जिन्हें काटने के लिए सरकार की ओर से भी पूर्ण प्रतिबंध लगा रखा है। आम,शीशम ओर सागौन के पेड़ों पर कब आरियाँ चल जाती है। किसी को मालूम नही पड़ता । शाम को तो पेड़ हरे भरे दिखते है। लेकिन जब सुबह होती है तो उस स्थान पर पेड़ के स्थान पर उजड़ी हुई जड़ें ही नजर आती है। अब सवाल खड़ा होता है कि पास ही बगल में हरिद्वार प्रसाशन भी मौजूद है। लेकिन न जाने क्यों न तो पेड़ काटने वालो पर कोई कार्यवाही होती है। और न ही उन लोगो पर जो इन हरे भरे पेड़ो पर आरियाँ चलवा कर कंट्रक्शन का कार्य कर रहे है। सूत्रों की अगर माने तो संबंधित विभाग की मिली भगत से इस कार्य को अंजाम दिया जा रहा है।
   एक ओर केंद्रीय सरकार देश को हरा भरा रखने के लिए एक के बाद एक कई ऐसी  योजनाएं चला रही है जिससे पेड़ पौधों की रक्षा हो सके। दूसरी ओर आला अधिकारी सरकार के इन अरमानों पर पानी फेरते नजर आ रहे है। क्या ऐसे ही होगा देश का विकास ? या देश के विकास के लिए हरे भरे पेड़ो की बलि देना आवश्यक है। आखिर क्यों मनाया जाता है प्रयावरण दिवस ?
एक ओर तो उद्यान विभाग प्रयावरण दिवस पर अच्छा खासा ढोंग करता नजर आता है। और देश ,समाज की जनता के सामने ओर विज्ञापनों के माध्यम से अच्छी खासी वाह वाही लूटता है। वही पीठ पीछे यही विभाग अपनी जेबें गर्म कर ऐसे असामाजिक तत्वों को भी बढ़ावा दे रहा है। जो रातों रात हरे भरे पेड़ो पर आरियाँ ओर कुल्हाड़े चलाकर नामो निशान मिटा रहे है।
ओर ये सारा खेल चल रहा है। हरिद्वार प्रसाशन के निकट टिहरी विस्थापित कालोनी,रोशनाबाद मे। जहां ये माफिया बेख़ौफ़ आरियाँ ओर कुल्हाड़ा लहरा रहे है।
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