गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में कार्यरत किसी प्रोफेसर ने पहली बार संभाला कुलपति का पद

 

हरिद्वार।

 गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के वेद विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो0 रूप किशोर शास्त्री को विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डाॅ0 सत्यपाल सिंह ने कुलपति पद पर नियुक्त किया है। विश्वविद्यालय में पहली बार यह हुआ है कि विश्वविद्यालय में कार्यरत किसी प्रोफेसर को कुलपति पद का पद सम्भालने का अवसर मिला है। आज पूर्वाह्न में कार्यवाहक कुलपति प्रो0 विनोद कुमार शर्मा ने प्रो0 रूप किशोर शास्त्री को कुलपति पद का कार्यभार सौंपा है। लम्बे एक वर्ष के अन्तराल के पश्चात् विश्वविद्यालय के स्थाई कुलपति मिला है। प्रो0 रूप किशोर शास्त्री देश व दुनिया में वेद विद्वान व प्राच्य विद्याओं के विशेषज्ञ और भारतीय संस्कृति के उन्नायक के रूप में जाना जाता है। मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय के महर्षि संदीपनी राष्ट्रीय वेद विद्याप्रतिष्ठानाम, उज्जैन के सचिव के रूप में सफलतम कार्यकाल पूर्ण किया है। जिसमें प्रो0 शास्त्री ने पूरे देश में वेद विद्यालयों की स्थापना की तथा भारत सरकार से अनुदान प्रदान कराया है। प्रो0 शास्त्री देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों व संस्थानों में राष्ट्रीय स्तर की समितियों में अपनी सेवाए दे रहे हैं।

क्या है कार्य योजना

गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के नव नियुक्त कुलपति प्रो0 रूप किशोर शास्त्री ने पदभार ग्रहण करने के बाद कहा कि वैदिक संस्कृति को पल्लवित करने का काम विश्वविद्यालय में किया जायेगा। वेद संस्कृत और प्राच्य विद्याओं के विषयों के उन्नयन के लिए विश्वविद्यालय में अलग से कार्य करने की विशेष जरूरत है। यह विश्वविद्यालय वैदिक संस्कृति के नाम से पूरे विश्व में जाना जाता है। वेदों के संरक्षण के लिए विशेष योजना तैयार की जाएगी। इस अवसर पर उत्तराखण्ड सरकार के शहरी एवं विकास मंत्री मदन कौशिक ने नव नियुक्त कुलपति प्रो0 रूप किशोर शास्त्री को बुक्के देकर शुभकामनाएं दी है। मदन कौशिक ने कहा कि गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय नई ऊचाईयों को छूने का काम करेगा। वैदिक संस्कृति को बढ़ाने का काम नए कुलपति अवश्य करेंगे। इस अवसर पर गुरुकुल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर्स, डॉक्टर्स कब के शिक्षकेत्तर कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों ने नव नियुक्त कुलपति प्रो0 रूप किशोर शास्त्री को मिष्ठान खिलाते एवं बुक्के भेंट कर शुभकामनाएं प्रेषित की है। यूनियन के अध्यक्ष दिनेश कुमार, महामंत्री दीपक वर्मा, कोषाध्यक्ष नवीन, प्रमोद कुमार, रजनीश भारद्वाज, द्विजेन्द्र पन्त, प्रकाश चन्द्र तिवारी, हरपाल सिंह, राजीव गुप्ता, संजय शर्मा, रणजीत सिंह, अनिल, राजेन्द्र, दुर्गादत्त पन्त, विकास, मनीष कुमार, नीरज, सेठपाल, कपिल, अमित इत्यादि ने बधाई दी है।

जीवन परिचय

 प्रो0 रूप किशोर शास्त्री का जन्म 19 दिसम्बर 1957 को उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर जिले के डिवाई कस्बे में कृषक परिवार में हुआ। उनके पिता का नाम मणिराम सिंह था। शास्त्री ने बाल्यकाल से ही संघर्ष करते हुए शिक्षा ग्रहण किया। शास्त्री ने सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्वालय, बनारस से शास्त्री, दिल्ली विश्वविद्यालय से एम0ए0, एम0फिल व पी0एच-डी0 व हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से डी लिट की शिक्षा ग्रहण की। 1988 से 1991 तक रामजस कालेज एण्ड हिन्दू कालेज दिल्ली विश्वविद्यालय में लैक्चरर के पद पर कार्य शुरू किया, 1992 से लेकर अब तक गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के वेद विभाग में प्रोफेसर के पद कार्यरत हैं। 2011 से 2016 तक मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय के महर्षि सान्दिपनी राष्ट्रीय वेद विद्याप्रतिष्ठानाम, उज्जैन में सचिव के पद पर कार्य किया। विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा 10 वर्षों के लिए रिसर्च मेजर प्रोजेक्ट संचालित किए। इसके साथ ही प्रो0 शास्त्री की वेद पर 25 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। प्रो0 शास्त्री ने 19 छात्रों को अपने निर्देशन में पी-एच0डी0 करा चुके हैं, 36 रिसर्च पेपर हिन्दी, संस्कृत और अंग्रेजी भाषाओं में प्रकाशित हो चुके हैं तथा राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय कार्यशालाओं/सेमिनार/कांफ्रेंस 49 में विशिष्ठ अतिथि के रूप में प्रतिभाग कर चुके हैं। विश्वविद्यालय व अन्य स्थानों पर 71 कार्यशालाओं/सेमिनार/कांफ्रेंस संचालित करा चुके हैं, 47 वेद विषय विशेषज्ञ के रूप में देश के विश्वविद्यालयों में सहभागिता कर चुके है। आकाशवाणी दिल्ली व नजीबाबाद पर वार्ता परिचर्चा और संवाद जैसे कार्यक्रमों में भाग लिया है।

उपलब्धियां

        प्रो0 शास्त्री ने नदीरलैण्ड, बैल्जियम, जर्मनी, थाईलैण्ड, इण्डोनेशिया, दुबई, अब्बुदाबी, संयुक्त अरब अमीरात (यू0ए0ई0) की विदेश यात्रा कर चुके हैं।  प्रो0 शास्त्री को साहित्यिक मद्योपाध्याय, हिन्दी साहित्य संगठन, 2001, व्यास पुरस्कार, उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ, उ0प्र0 सरकार, 2003, श्याम पुरस्कार, उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ, उ0प्र0 सरकार, 2005, डाक्टरेट जनरल एवाई, मिनिस्ट्री आॅफ हिन्दू एण्ड बुद्धिज्जम एफेयर्स, इण्डानेशिया, 2005, पाणिनी पुरस्कार, उ0प्र0 सरकार 2007, वेद शिरोमणि सम्मान, परोपकारी सेवा सभा अजमेर, 2012, पण्डित राज सम्मान, अखिल भारतीय विद्वत परिषद, काशी, 2012 के अलावा 20 राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार और सम्मान मिल चुके हैं।