जाने कहां कारगर हो रही चिराग तले अंधेरा वाली कहावत

हरिद्वार।
पशु कल्याण बोर्ड  के उपाध्यक्ष  जिस शहर के हो  और वही के  आवारा पशु  यदि बीमार और घायल सड़क पर घूमते देखे जाएं तो इसे चिराग तले अंधेरा ही कहा जाएगा। कुम्भ नगरी में आवारा पशुओं की सेवा और उनके स्वास्थ्य की देख भाल के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा करीब दो साल पहले सचल दस्ता बनाया गया था। जिसमे एक चिकित्सक, सहायक, वाहन चालक ओर एक वाहन सरकार द्वारा दिया गया है। इस सचल दस्ते को डॉ ऋचा सिंह चला रही है। लेकिन किसी को भी इसके बारे में नही पता क्योकि ये अपना प्रचार नही करना चाहते है। लेकिन जो जागरूक लोग डॉ साहिबा के 9456713730 ये नम्बर पर फोन करके घायल आवारा जानवर की जानकारी देना भी चाहते है, तो डॉ साहिबा का फोन में घंटी तो जाती है, लेकिन फोन उठता नही है। घायल आवारा पशु की चिकित्सा के लिए जब उन्हें कॉल की गई तो उनका फोन नही उठा। सचल दस्ते की टीम कभी भी शिव मूर्ति स्थित जिला पशु चिकित्सालय में देखी जा सकती है। जबकि उन्हें क्षेत्र में घूम कर आवारा घायल जानवरो का इलाज करना है। बाबत जब मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ बीसी कर्नाटक से बात की तो उन्होंने कहा कि हमारा सचल दस्ता सबसे अधिक सक्रिय है, कहा कि पूरे जिले में एक ही दस्ता है आवारा पशुओं के लिए विशेष कुछ नही है। जब कॉल होती है तो जाया जाता है। लेकिन जब उन्हें बताया  कि कॉल ही नही उठती तो उन्होंने डॉक्टर से बात करने की बात कही। इस संबंध में पशु कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष डॉ विनोद आर्य से बात की तो उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए पूरी जानकारी जुटाने ओर डॉ से बात करने को कहा।