जीवन चुनो -जहर नहीं :बदलती हुई सामाजिक मान्यताएं, कुछ नया करने की चाहत, तरह-तरह के तनाव आदि तमाम ऐेसे कारण हैं, जिनकी वजह से समाज में नशे का प्रचलन तेजी से बढ़…
युवाओं में नशे की शुरूआत आमतौर से स्कूल के अंदर मीठी सुपारी और सादे मसाले से होती है, जो धीरे-धीरे तम्बाकू युक्त गुटखा और सिगरेट से होती हुई नशीली दवाओं तक जा पहुंचती है। साथियों के दबाव अथवा सामाजिक चक्रव्यूहों में फंसे बच्चे जब एक बार इनकी गिरफ्त में आ जाते हैं, तो उन्हें इस दलदल से निकालना बेहद दुष्कर हो जाता है। लेकिन यदि अभिभावक बच्चों पर बराबर नजर रखें और उनकी गतिविधियों का अध्ययन करते रहें, तो उनके व्यवहार और चाल-ढ़ाल को देखकर इस बीमारी को शुरू में ही पकड़ा जा सकता है।
ड्रग्स क्या है :
यह एक प्रकार का केमिकल होता है जो इंसान को नशे की स्थिति में पहुंचा देता है. ड्रग्स सेवन के पश्चात इंसान का दिमाग कुछ समय के लिए सुप्तावस्था में हो जाता है.
ड्रग्स के प्रकार
नार्कोटिक, साइकोट्रोपिक, मेडिकल, सामान्य एनेस्थेशिया, वॉलेटाइल सालवेन्ट, डोपिंग एजेंट, अल्कोहल.
ड्रग्स सेवन की मुख्य वजह:
दोस्तों, सहकर्मियों की नकल या दबाव में, जिज्ञासावस, खतरा उठाने का मजा लेने के लिए, एंजाय या उदासी के पलों में, तनाव दूर करने के लिए .
परिणाम :
ड्रग्स लेने वाले व्यक्ति के शरीर और व्यवहार दोनों में बदलाव नजर आते हैं. सुस्ती रहना, शरीर पर इंजेक्शन सुई के निशान, अचानक ज्यादा मुंहासे होना, तंद्रा में रहना, नाक बहना, तला, मसालेदार भोजन की तीव्र इच्छा होना, गैर जिम्मेदाराना व्यवहार, झगड़े की प्रवृत्ति, हताशापूर्ण, झूठ बोलना, एकान्त की इच्छा रहना, तेज या रूक रूक कर बोलनाचाहे व्यक्ति कोई भी ड्रग लेता हो वो उनके मस्तिष्क में चढ़कर उसके दिमाग और नर्वस सिस्टम को सुस्त कर देता है. जिसकी वजह से इनका मस्तिष्क जब तक नशा रहता है तब तक दर्द को महसूस नही कर पाता (इसीलिए डॉक्टर इसका इस्तेमाल दवाई के रूप में भी करे है ) और ये अपने होश खो देता है. किन्तु इसकी लत से व्यक्ति का दिमाग पूरी तरह से ही कार्य करना बंद कर देता है.ये नशा व्यक्ति के कार्य करने की क्षमता पर असर डालता है और अगर व्यक्ति इसका आदि हो जाता है तो वो इसके बिना नही रह पाता. इसे पाने के लिए वो अपना कुछ भी बेचने तक के लिए भी तैयार रहता है और जरूरत पड़ने पर वो चोरी, मारपीट और खून तक कर सकता है. ऐसे गैरकानूनी कार्य करने की वजह से इनको जेल जाना पड़ता है और इनकी समाज में भी छवि खराब हो जाती है.
क्योकि ड्रग लेने के लिए इन्हें इंजेक्शन की जरूरत होती है तो ये हर वक़्त इधर उधर किसी इंजेक्शन की तलाश में रहते है और आपको तो पता ही है कि किसी व्यक्ति के द्वारा इस्तेमाल किये गये इंजेक्शन को दुबारा इस्तेमाल करने से हेपेटाइटिस बी, HIV और AIDS जैसी ख़तरनाक बिमारियों के होने की संभावना बढ़ जाती है.
- इसकी वजह से व्यक्ति की नशों में खिंचाव पैदा हो जाता है और उसे शुन्यता का अनुभव होता है. इससे इन्हें यौन दुर्बलता भी होने का खतरा बना रहता है
ड्रग के अधिक सेवन से व्यक्ति के मुहं से लार टपकने लगती है, नाक से पानी आने लगता है, उसका शरीर नशे की तलब लगने की वजह से पसीने से तरबतर हो जाता है, पेट में मरोड़ उठने लगती है और उसकी मांसपेशियों में असहनीय दर्द उत्पन्न हो जाता है. ये सब व्यक्ति के शरीर की दुर्बलता और कमजोरी को झलकाते है.
- ड्रग या किसी भी नशे के सेवन से व्यक्ति के रक्तचाप में उतार चढाव होता रहता है. जिससे उनके हृदय रोग, श्वास रोग, नाक और गले का रोग होने के संभावना बढ़ जाती है. साथ ही उनकी पाचन तंत्र पर भी अधिक असर पड़ता है और उन्हें पाच अपच का रोग हो जाता है.
- इनके सेवन से शरीर में वसा का निर्माण होता है जिससे यकृत में ग्लाकोजन, एंजाइम और प्रोटीन को बढ़कर कोशिकाओं की संख्या में इज्जफा करता है. इससे व्यक्ति का यकृत अपने प्राकृतिक आकार से बढ़कर रोग उत्पन्न करने लगता है. कई जगह देखा गया है कि इससे व्यक्ति का यकृत सुख कर सख्त हो जाता है और धीरे धीरे निष्क्रिय होकर व्यक्ति की मृत्यु का कारण बन जाता है ड्रग्स से शारीरिक हानी के साथ साथ सामाजिक और कानूनी हानी भी होती है. परिवार से दूरी, पढ़ाई या कार्य छूट जाना, समाज में हेय दृष्टि से देखा जाना, तंद्रा में रहने के कारण दुर्घटनाओं की संभावना बढऩा, क्रोध की वजह से घेरलू और सामाजिक झगड़ों का बढऩा, उग्रवाद या अन्य राष्ट्रविरोधी गतिविधियों की तरफ बढऩा, चोरी करना, पैसों के लिए हत्या तक तक देना जैसे अपराध ड्रग्स एडिक्ट के द्वारा हो सकते हैं. ड्रग्स का सेवन करने पर शारीरिक दैहिक विकास का अवरूद्ध होना, एचआईवी, टीबी, नपुंसकता जैसे रोग होने की पूरी संभावना होती है.