नई दिल्ली: केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) के पदों पर आवेदन करने वाले उम्मीदवार 1 अक्टूबर तक अपनी डिटेल्स सही कर सकते हैं. जिन उम्मीदवारों ने आवेदन के समय डिटेल गलत भर दी थी, वे ऑफिशियल वेबसाइट kvsangathan.nic.in पर जाकर अपनी डिटेल सही कर सकते हैं. आपको बता दें कि KVS ने अगस्त में प्रिंसिपल, वॉइस प्रिंसिपल, पोस्ट ग्रेजुएट टीचर, ट्रेनड ग्रेजुएट टीचर, प्राथमिक शिक्षक और लाइब्रेरियन के पदों पर भर्ती के लिए वैकेंसी निकाली हैं. ये भर्ती 8339 पदों पर होनी हैं. पदों के नाम प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल, पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (PGT), ट्रेनड ग्रेजुएट टीचर (TGT), प्राथमिक शिक्षक, लाइब्रेरियन, पोस्ट कुल पदों की संख्या 8 हजार 339 0 टिप्पणियांऐसे सही करें अपनी डिटेल स्टेप 1: उम्मीदवार KVS की ऑफिशियल वेबसाइट kvsangathan.nic.in पर जाएं. स्टेप 2: होमपेज पर दिए गए Click here for online Correction for KVS Recruitment of Principal, Vice-Principal, PGTs, TGTs, Librarian and PRTs in KVS. (27-09-2018) के लिंक पर क्लिक करें. स्टेप 3: Edit Your Details पर क्लिक करें. स्टेप 4: अब रजिस्ट्रेशन नंबर और जन्मतिथि भरकर लॉग इन करें. स्टेप 5: अब आप अपनी डिटेल सही कर सकते हैं. अन्य खबरें Railway Recruitment Board: रेलवे के उम्मीदवारों के लिए जरूरी सूचना, यहां देखें नोटिफिकेशन RRB Group D Live Updates: ग्रुप डी के पदों के लिए सेलेक्ट होने वाले उम्मीदवारों को मिलेगी इतनी सैलरी

शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने रविवार को राफेल सौदे को ‘‘बोफोर्स का बाप’’ करार दिया और कहा कि इस सौदे के खिलाफ बार-बार बोलने से देश की राजनीति में राहुल गांधी का महत्व बढ़ा है.

मुंबई: शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने रविवार को राफेल सौदे को ‘‘बोफोर्स का बाप’’ करार दिया और कहा कि इस सौदे के खिलाफ बार-बार बोलने से देश की राजनीति में राहुल गांधी का महत्व बढ़ा है. पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में राउत ने कहा कि जिन लोगों ने बोफोर्स सौदे में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के रिश्तेदार पर 65 करोड़ की घूस लेने का आरोप लगाया था वे अब सत्ता में हैं. ‘‘आज उन पर राफेल विमान सौदे में 700 करोड़ रूपये की घूस लेने का आरोप है. राफेल बोफोर्स का बाप है.’’
सौदे पर फ्रांस्वा ओलांद के दावों को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए शिवसेना सांसद ने हैरानी जताई की पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति को कांग्रेस अध्यक्ष का समर्थक कहा जाएगा या एक ‘‘राष्ट्र विरोधी’’ करार दिया जाएगा. फ्रांसीसी मीडिया की एक रिपोर्ट में 21 सितंबर को ओलांद के हवाले से कहा गया था कि भारत सरकार ने राफेल के निर्माता दसॉल्ट एविएशन को 58, 000 करोड़ रूपये के इस सौदे में रिलायंस डिफेंस का ऑफसेट साझेदार बनाने का प्रस्ताव दिया था और फ्रांस के पास कोई विकल्प नहीं था.

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शिवसेना नेता ने कहा, ‘‘सवाल यह नहीं है कि अनिल अंबानी को युद्धक विमान बनाने का अनुबंध दिया गया बल्कि प्रत्येक विमान के लिये 527 करोड़ रूपये के मूल्य के बजाए मोदी सरकार के कार्यकाल में यह सौदा 1570 करोड़ रूपये में किया गया. इसका मतलब बिचौलिये को प्रति विमान करीब 1,000 करोड़ रूपये की दलाली मिली.’’ राउत ने भाजपा के उन आरोपों को हास्यास्पद करार दिया कि सौदे को लेकर गांधी द्वारा की जा रही आलोचना ‘‘पाकिस्तान की भाषा बोलने और उसकी मदद’’ करने सरीखा है.