नमो स्वच्छता अभियान को पलीता लगाते धर्म नगरी के भाजपा कार्यकर्ता

विकास तिवारी(यथार्थवादी)

धर्म नगरी हरिद्वार के लिए विडंबना और यहां के राजनेताओं के लिए शर्म की बात है के जिस पार्टी के सिरमौर यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत करते हैं उन्हीं के टीम के भाजपा नेता और मंत्री स्वच्छता अभियान चलाने वाले हरिद्वार की महिला मेयर के पति की टांग खिंचाई करने में लगे हुए हैं। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता की सफाई कौन कर रहा है सफाई करने के लिए पहला कदम उठाने की आवश्यकता है। अब यह कदम महिला मेयर ने उठाया या उनके पति ने उठाया या आम आदमी ने उठाया इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। शहर वासियों ने मंत्री जी और भाजपा सांसद को नाले में उतर कर सफाई करते हुए नहीं देखा यह सोचने का विषय है कि ऐसी कौन सी परिस्थिति आ गई कि एक सम्मानित शहर का नागरिक अपने शहर की सफाई के लिए नाले में उतरने को विवश हो गया। उस व्यक्ति के इस अभियान को  ड्रामा  बताया जा रहा है। और मेयर पति के ड्रामे के पश्चात के जनपद हरिद्वार की संपूर्ण भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता स्वच्छ भारत अभियान के स्थान पर अब लामबंद होकर उनके खिलाफ विज्ञप्तिया जारी कर आंदोलन अभियान चला रहे हैं। क्या यही नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान का सपना है? इससे बेहतर तो यह होता कि यही कार्यकर्ता जो विज्ञप्ति या और धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इसकी जगह नाले में उतर कर सफाई करके शहर वासियों के सामने एक मिसाल कायम करते, ओर भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री से प्रेरणा लेकर जिन्होंने स्वच्छता अभियान का बीड़ा उठाने के लिए झाड़ू स्वयं हाथ में उठा लिया। आप उनसे प्रेरणा की झाड़ू लेकर सड़कों पर क्यों नहीं आए इसकी जगह आप धरना प्रदर्शन करके क्या प्रदर्शित करना चाहते हैं? क्या इस प्रकार के कृत्य से माना जाए के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो स्वच्छ भारत अभियान का सपना देखा है भारतीय जनता पार्टी के धर्मनगरी के नेता और कैबिनेट मंत्री इस अभियान से इत्तेफाक नहीं रखते हैं।
किसी भी लकीर को छोटी करने के लिए उससे बड़ी लकीर खींचने की आवश्यकता होती है।
यदि मेयर पति नाले में उतर कर एक नाला साफ करते हैं तो भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जीी के स्वच्छ भारत अभियान को आगे बढ़ाते हुए पूरे शहर के नालों को साफ करना चाहिए।