पलायन रोकने के लिए सरकार ने शुरू की होम स्टे योजना
कुमाऊं मंडल विकास निगम सरकार की ‘होम स्टे’ योजना से उत्तराखंड से पलायन रोकने व सीमा सुरक्षा की समस्या का समाधान करने का सराहनीय प्रयास कर रहा है.
बता दें कि उत्तराखंड में पलायन रोकना सरकार के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है. इसे रोकने में उत्तराखंड की अब तक की सरकारें फेल साबित हुई हैं.
दुर्गम गांवों से पलायन रोकने के लिए केएमवीएन ने पिथौरागढ़ जिले में होम स्टे योजना शुरू की है. इससे उन्होंने हिमालय से सटे गांवों के लोगों को रोजगार देने का सराहनीय प्रयास किया है ताकि पलायन रोका जा सके.
केएमवीएन के तत्वावधान में चलाई जा रही प्रदेश सरकार की होम स्टे योजना से अब पलायन की मार झेल रहे ग्रामीणों को घर पर रोजगार मिल गया है. वहीं इन घरों के जरिए शहरी चकाचौंध से दूर भागकर शांति की तलाश में निकल रहे सैलानियों को भी मन चाही मुराद मिल गई है
उन्होंने बताया कि 500 घरों को इससे जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें 87 घरों का पंजीकरण हो चुका है. इनका जिक्र केएमवीएन की वेबसाइट पर है. इससे जुड़े ग्रामीणों को प्रशिक्षण के लिए सिक्किम और पोखरा नेपाल भेजा जाएगा.
योजना के तहत सैलानी अब चीन-तिब्बत सीमा से लगे दारमा और ब्यास घाटियों में जाकर ना केवल ग्रामीणों के साथ उनके घरों में रहकर वहां के जनजीवन का अनुभव और रोमांच ले पाएंगे. बल्कि रोजगार के अभाव में खड़ी पलायन व बेरोजगारी की समस्या का समाधान कर पाएंगे