पाकिस्तानी गोलीबारी के कारण ‘मौत के साये’ में जी रहे सीमा के गांववासी
सीमा के पास बसे गाववालो ने बताया ‘हम लोग मौत के साये में जी रहे है. हमारे घरों पर बमों की वर्षा हो रही हैं और हमने सोचा था कि हम किसी भी क्षण मर जाएंगे लेकिन पुलिस र्गांव से हम लोगों को बाहर निकाल लाई. लोगो ने बताया कि गोलाबारी में कई मकान क्षतिग्रस्त हो गये और कई जानवरों की मौत हो गई.’ उन्होंने बताया कि एक महिला की मौत हो गई जबकि गांव में उसका पति और बेटा घायल हो गये. अरनिया क्षेत्र के बाहरी इलाके में अपने रिश्तेदार के यहां शरण ली हुई रत्नो देवी ने कहा, ‘सरकार को पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी को रोकना चाहिए.’
इन गांवों में मोर्टार बमों और गोलियों के कारण कई पशुओं की मौत हो गई और कुछ घायल हो गये. सीमावर्ती इलाकों से लोगों को निकालने के लिए पुलिस वाहनों को लगाया गया है. आर एस पुरा के उपमंडलीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) सुरिन्दर चौधरी ने बताया, ‘सीमावर्ती इलाके वास्तव में युद्ध क्षेत्र में बदल गये हैं. पाकिस्तान नागरिक इलाकों को निशाना बना रहा है. इससे मकानों और जानवरों को काफी नुकसान हुआ है.’ चंचलो देवी ने कहा कि वह और उनके पति अरनिया वार्ड संख्या 13 में मोर्टार गोलों की आवाज से जागे और उन्होंने तुरन्त पड़ोस के एक मकान में जाने का प्रयास किया क्योंकि उनका घर तहस-नहस हो चुका था.और उनका परिवार तब तक एक कमरे में बिना भोजन और पानी के रहा जब तक वे गोलीबारी और गोलाबारी से बचकर अपने घर से नहीं निकल गये. कोरोताना, साई खुर्द, माहाशा कोटे, पिंडी, सुचेतगढ, झोरा फार्म गांव गोलियों और मोर्टार गोलों से बुरी तरह से प्रभावित हुए है. इन गांवों में छतें ढह गई और मकानों की दीवारें गिर गईं. ग्रामीणों ने दावा किया कि सरकार बंकर बनाने में विफल रही है.
अरनिया के लोगो ने कहा, ‘यदि सरकार बंकरों का निर्माण कर देती या कई वर्षों पहले किये गये वादे के अनुसार एक सुरक्षा स्थान उपलब्ध करा देती तो सीमावर्ती इलाकों के लोग नहीं मारे जाते या घायल नहीं होते.’ जम्मू मंडल में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास पाकिस्तानी सैनिकों की गोलीबारी में शनिवार (20 जनवरी) को सेना के एक जवान समेत तीन लोगों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गये. जम्मू और साम्बा जिलों के तीन सेक्टरों में संघर्ष विराम की घटना में शुक्रवार (19 जनवरी) को 17 वर्षीय एक लड़की की मौत हो गई थी और बीएसएफ का एक जवान शहीद हो गया था, जबकि पांच नागरिक घायल हो गये थे. एसडीपीओ सुरिन्दर चौधरी ने कहा, ‘हम सीमावर्ती गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले गये हैं. पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता है.’