पेंशनर शिक्षक ने लगाया उपेक्षा का आरोप, बताया
हरिद्वार।
राजकीय शिक्षक संघ के पूर्व जिलाध्यक्ष हरेंद्र सैनी ने एक बयान में कर्मचारियों और शिक्षकों की पुरानी पेंशन के मुद्दे को लेकर सभी राष्ट्रीय राजनीतिक दलों पर उपेक्षा का आरोप लगाया। सैनी ने कहा कि देश के लाखों कर्मचारी आज न्यू पेंशन स्कीम से आच्छादित हैं जिन्हें लाभदायक पुरानी पेंशन स्कीम से वंचित कर दिया गया है पुरानी पेंशन लागू किए जाने की मांग को लेकर वर्षों से कर्मचारी व शिक्षक वर्ग आंदोलन कर रहा है राज्य स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक कर्मचारियों ने सफल आंदोलन किए हैं जिनके मंच पर आकर सभी राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों द्वारा न्यू पेंशन स्कीम के स्थान पर पुरानी पेंशन स्कीम लागू किए जाने का आश्वासन दिया जाता रहा है यहां तक कि सभी का साथ सबका विकास का नारा देने वाले राजनीतिक दल के एक वरिष्ठ मंत्री द्वारा 2014 के लोकसभा चुनाव में भी दल के सत्ता में आने पर पुरानी पेंशन लागू करने का आश्वासन दिया था परंतु परिणाम आज भी शून्य ही है वर्तमान में भी राजनीतिक दलों के घोषणा पत्र और संकल्प पत्र विभिन्न लोकलुभावन वादों के साथ घोषित कर दिए गए हैं परंतु दुखद यह है कि लाखों पेंशन विहीन कर्मचारियों को चौराहे पर लाकर छोड़ दिया गया है जहां वह अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं सैनी ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को यह भी रात याद रखना चाहिए कि सत्ता में आने के उपरांत राजनीतिक दलों के द्वारा जो भी जनकल्याणकारी नीतियां तैयार की जाती हैं उन्हें धरातल पर मूर्त रूप देने और क्रियान्वयन करने का कार्य ही कर्मचारी और शिक्षक वर्ग करता है उन्होंने कहा कि विडंबना यह है कि 1 अक्टूबर 2004 के बाद नियुक्त सभी कार्मिकों की भारत सरकार द्वारा सेवानिवृत्ति के उपरांत पुरानी पेंशन समाप्त कर दी गई थी जबकि पूर्व सांसदों और विधायकों को आज भी यह सुविधा दी जा रही है एक तरफ से 8 वर्ष तक सरकार की सेवा करने के उपरांत कार्मिक वर्ग वृद्धावस्था में मात्र 500 हुआ हजार रुपे की पेंशन प्राप्त कर रहा है और दूसरी तरफ पूर्व सांसद और विधायक लाखों रुपए प्रतिमाह पेंशन प्राप्त कर रहे हैं कहा कि न्यायालय से लेकर मीडिया द्वारा भी बाजार आधारित न्यू पेंशन स्कीम को कर्मचारी विरोधी बताया जा रहा है परंतु इसके बावजूद भी सभी राजनीतिक दलों का दृष्टिकोण 1 अक्टूबर 2004 के बाद नियुक्त कार्मिकों के विरोधी रहा है हरेंद्र सैनी ने सभी कर्मचारियों और शिक्षकों से अपील करते हुए कहा कि सभी को अनिवार्य रूप से मतदान का प्रयोग करना है परंतु यह भी ध्यान रखना है कि राजनीतिक दल पुरानी पेंशन के मुद्दे को लेकर लेश मात्र भी गंभीर नहीं है अतः अपने मत का प्रयोग अनिवार्य रूप से चिंतन के उपरांत करना चाहिये।