महिमानंद महाराज है मेहंतायी के हकदार: ज्ञानानंद महाराज

हरिद्वार।

 धर्मनगरी में धार्मिक संपत्तियों पर अनाधिकृत तरीकों से कबजो का क्रम बंद नही हो पा रहा है। धार्मिक संपत्तियों की विवाद के मामले चर्चा का विषय बनते रहे हैं। ऐसे कई प्रकरण तो बाकायदा खूनी रंग भी ले चुके है। बताया जाता है कि प्रायः धार्मिक संपत्तियों के मामलों में राजनीतिक वरदहस्त रहता है। जिस कारण पुलिस भी सीधे कारवाई करने से ऐसे मामलों में कराती है। नारायण निवास आश्रम का मामला क्या रंग लेगा यह तो आने वाले वक्त पर ही पता चल पाएगा। लेकिन मेहताई चादर कार्यक्रम को एक पक्ष में यह कहकर कंकड़ युक्त बना दिया है। कि पूरा तरीका गलत आपनाया गया है। कार्यक्रम में यहां तक कि गरीबदासीय संप्रदाय के अध्यक्ष महामंत्री मंत्री भी उपस्थित नहीं हुए। नारायण निवास आश्रम ऋषिकेश रोड भूतवाला हरिद्वार के महंत स्वामी रामेश्वरानंद महाराज विगत 18 जुलाई को ब्रम्हलीन हो गए थे। उनके स्थान पर उनके शिष्य महंत स्वामी अवधेशानंद को षड्दर्शन भेष भगवान एवं गरीबदासी परंपरा के संतों तथा भक्तों की उपस्थिति में चादर महंताई समारोह संपन्न हुआ। जिसमें संतो ने तिलक चादर लेकर नारायण निवास आश्रम का महत नियुक्त किया। उनसे संकल्प कराया गया कि नारायण निवास आश्रम ऋषिकेश रोड भूतवाला की समस्त चल अचल संपत्ति का संरक्षण करते हुए उसका संवर्धन करेंगे तथा भविष्य में किसी भी प्रकार का विक्रय नहीं करेंगे। आश्रम में आए संतो भक्तों की समुचित सेवा व्यवस्था करेंगे। जिसे महंत अवधेशानंद ने स्वीकार किया है। वही अखिल भारतीय गरीब दासी भेष भगवान संप्रदाय के अध्यक्ष स्वामी श्याम सुंदरदास शास्त्री महाराज, महामंत्री स्वामी ज्ञानानंद शास्त्री, मंत्री स्वामी शिवानंद महाराज चादर महंतायी समारोह में मौजूद नहीं हुए। इस बाबत जब स्वामी ज्ञानानंद महाराज से बात की गई तो उन्होंने कहा कि चादर महंताई कार्यक्रम पूरी तरह गलत हुआ है। क्योंकि हमारी परंपरा के अनुसार यह कार्यक्रम 2 अगस्त को षोडशी के दिन होना चाहिए था। लेकिन क्योंकि पूरा कार्यक्रम केवल आश्रम की संपत्ति पर आधिपत्य का है इसलिए यह कार्यक्रम 12वें दिन ही आनंद फानन में कराया गया है। जिसमें हमारे संप्रदाय की अध्यक्ष महामंत्री मंत्री भी शामिल नहीं रहे उन्होंने मोबाइल फोन पर बताया कि नियमानुसार इस मेहंतायी पर स्वामी महिमानंद महाराज को बैठाया जाना चाहिए था। लेकिन षड्यंत्र के तहत एक दिन पूर्व ही महिमानंद महाराज व कई अन्य के खिलाफ सप्त सरोवर पुलिस चौकी में झूठी मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर एक फर्जी रिपोर्ट दी गई है। जिसमें चाकू से हमला करना बताया गया है। स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि यदि वास्तव में रिपोर्ट सही है तो गिरफ्तारी की जानी चाहिए। उनका आरोप है कि इस आश्रम के मामले में भी क्षेत्र के एक भाजपा नेता की पूरी भूमिका रही है।