मातृ सदन के खिलाफ किसने खोला मोर्चा। देखे वीडियो

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हरिद्वार। रायवाला से भोगपुर तक गंगा में खनन प्रतिबंध खुलने के बावजूद भी खनन पट्टे ना खोले जाने से प्रदेश सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि हो रही है वहीं कारोबार से जुड़े हजारों ग्रामीणों और कारोबारी बेरोजगारी की कगार पर आ गए हैं यह बात ग्लोबल गॉड मदर फाउंडेशन के अध्यक्ष भावना पांडे ने प्रेस वार्ता में रायवाला से भोगपुर तक खनन खोले जाने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार और अधिकारियों में मातृ सदन द्वारा भय व्याप्त किया गया है लेकिन उन्हें मातृ सदन का कोई भय नहीं है, वह राज्य की खुशहाली के लिए लड़ाई लड़ेगी।
भावना पांडे ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की खनन को खोले जाने की अनुमति पत्र का हवाला देते हुए कहा की तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा जो लेटर दिया गया था उसमें कहा गया था कि मातृ सदन का जो प्रस्ताव है उसे उनके द्वारा शासन में भेज दिया गया है उनका कहना है कि मात्र सदन द्वारा उक्त प्रस्तुत प्रार्थना पत्र को गलत दर्शाया गया जिसमें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में जाकर उस प्रस्ताव को आदेश बना कर गलत तरीके से पेश किया गया है बताया कि उसी का हवाला देते हुए 2016 में हाई कोर्ट से इस क्षेत्र में बात सदन द्वारा अवैध खनन को अवैध बताकर प्रतिबंध लगाया गया क्योंकि माइनिंग का अधिकार प्रदेश सरकार को होता है तो कारोबार से जुड़े लोगों ने एकमत होकर पत्र लिखकर भारत सरकार में अपनी सूचना दर्ज कराई जिसके बाद 21 दिसंबर सन 2018 को सरकार ने स्टेट गवर्नमेंट को अपील के लिए बुलाया जिसमें उत्तराखंड सरकार के द्वारा केंद्र में सही जानकारी की स्थिति नहीं पहुंच पाने के कारण शासन को पत्र प्राप्त नहीं हो पाया था जिसका फायदा उठाते हुए मातृ सदन ने अपना 17 पेज की छुट्टी भारत सरकार में दाखिल करने में कामयाब हो गए उन्होंने कहा कि हम लोगों द्वारा गुहार लगाई गई और 9 जनवरी 2019 को अधिकारियों से मेल का जवाब दिया गया जिसका 13 जनवरी 2019 को स्पीड पोस्ट से भी पत्र व्यवहार किया गया उक्त चिट्ठी में उत्तराखंड सरकार को 5 पॉइंट पर जवाब देना था जिसमें राज्य सरकार द्वारा केंद्र शासन को चिट्ठी का जवाब दिया गया सीपीसी बोर्ड को जवाब दिया गया जिसमें एनजीटी की रिपोर्ट फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड उत्तराखंड सिंचाई विभाग वन विभाग लीगल एनवायरनमेंट पोलूशन स्टेट पॉलिसी सहित 21 फरवरी 2019 को इन सब के द्वारा जवाब दिया गया जिसके बाद 22 मार्च 2019 को खनन पर लगी रोक को पूरी तरह से लेकर रायवाला से जोधपुर तक खनन पर लगी पाबंदी को सीपीसी बोर्ड द्वारा हटा दिया गया इसके बाद शासन द्वारा 12 अप्रैल 2019 को हरिद्वार जिलाधिकारी को खनन खोलने के आदेश जारी हो गए हैं