मात्र 1000 रुपए में बैंक की स्कीम से बेटी की जिम्मेदारी से छुटकारा पाइए
सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत की थी। हम आपको इस सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में बता रहे हैं जिससे कि आप आसानी से इस योजना का फायदा उठा सकें और अपनी बिटिया का सुनहरा भविष्य सुनिश्चित कर सकें।
सुकन्या समृद्धि योजना का खाता आप किसी भी पोस्ट ऑफिस या बैंकों की अधिकृत शाखा में खुलवा सकते हैं। आम तौर पर जो भी बैंक पीपीएफ खाता खोलने की सुविधा उपलब्ध कराते हैं, वे सुकन्या समृद्धि योजना का खाता भी खोलते हैं।
अकाउंट खुलवाने का फॉर्म। बच्ची का जन्म प्रमाणपत्र। जमाकर्ता (माता-पिता या अभिभावक) का पहचान पत्र जैसे पैन कार्ड, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट आदि। जमाकर्ता के पते का प्रमाणपत्र जैसे पासपोर्ट, राशन कार्ड, बिजली बिल, टेलीफोल बिल आदि। सुकन्या समृद्धि योजना का फॉर्म पोस्ट ऑफिस या बैंक से प्राप्त कर सकते हैं। पैसे जमा करने के लिए आप नेटबैंकिंग का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
कन्या की मृत्यु हो होने कि स्थिति में, डेथ सर्टिफिकेट जमा करने के बाद ही ये खाता बंद किया जाएगा। खाते का बैंलेंस और ब्याज परिजनों को दे दिया जाएगा। कन्या एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट होने पर खाते को भी शिफ्ट किया जा सकेगा। जब कन्या की उम्र 18 साल की हो जाएगी तो जमा राशि का 50 फीसदी राशि शादी या शिक्षा के लिए निकाला जा सकेगा।
इस योजना को खाता खुलने के 21 साल बाद ही बंद किया जा सकेगा। अगर 21 साल होने से पहले बच्ची की शादी हो जाए तो खाते को पहले ही बंद करवाना पड़ेगा। शादी न होने की सूरत में खाते को 21 साल के बाद भी जारी रखा जा सकेगा।
पीएम नरेंद्र मोदी ने सुकन्या समृद्धि योजना की शुरूआत 4 दिसंबर, 2014 को थी। यह एक लॉन्ग-टर्म डेट स्कीम है, जिसमें कोई भी शख्स बेटी के जन्म से लेकर उसके 10 साल की हो जाने तक कभी भी अकाउंट खुलवा सकता है। यह अकाउंट बैंक या पोस्ट ऑफिस में खुलवाया जा सकता है। यह अकाउंट बच्ची के 21 साल की होने तक जारी रहेगा।
खाता खुलवाने के समय 1000 रुपए चाहिए, जो कैश, चैक, और ड्राफ्ट में जमा हो सकते हैं। यह योजना बालिका के जन्म से लेकर शादी करने तक परिजनों को आर्थिक मजबूती प्रदान करती है। यह योजना घटते लिंगानुपात के बीच कन्या जन्म दर को प्रोत्साहन देने में मदद करेगी। बेटी की पढ़ाई व शादी के लिए पैसे की टेंशन दूर करने में मदद करेगी।जब बच्ची 21 साल की हो जाएगी तो यह योजना मैच्योर होगी। उस वक्त उसे पैसा मिलेगा। हां, बच्ची की हायर एजुकेशन और शादी के लिए समय से पहले भी पैसा निकाला जा सकता है। बच्ची की उम्र 18 साल होने के बाद 50 फीसदी पैसा निकाल सकते हैं। इस योजना में किए गए इन्वेस्टमेंट को 80 सी में शामिल किया जाएगा। ऐसा फाइनेंशियल इयर 2015-16 से होगा। 80 सी में छूट की अधिकतम सीमा डेढ़ लाख है। खास बात यह है कि मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम पर भी कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा। ब्याज की दर हर साल के लिए