मेरठ के विकास का नया आयाम एक साथ दौड़ेगी मेट्रो और रैपिड ट्रेन
मेरठ में मेट्रो परियोजना को हरी झंडी हो गई। यहां इस पर कुल लागत 13800 करोड़ रुपये खर्च करने का प्लान है। हालांकि इस पर जीएसटी तथा अन्य कर अलग से जोड़े जाएंगे। उधर दिल्ली से मेरठ के बीच प्रस्तावित रैपिड ट्रेन भी वर्ष 2024 तक चलने लगेगी। मुख्य सचिव राजीव कुमार ने स्पष्ट कर दिया था कि आरआरटीएस वर्ष 2024 तक पूरा कर दिया जाएगा। कहा गया था कि एक जुलाई 2018 से इस पर काम शुरू हो जाएगा। इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। साथ ही यह कहा गया था कि मेट्रो को भी नई नीति के हिसाब से ही चलाया जाएगा। उसी आधार पर डीपीआर भी बनाई गई है।
दरअसल लखनऊ में हुई ट्रांजिट सिस्टम की बैठक में कहा गया है कि रैपिड ट्रेन का कॉरिडोर शताब्दीनगर से शास्त्रीनगर तक जाता है। इसे अभी केवल हापुड़ अड्डा तक ही रखा जाए। इसके अलावा मेरठ मेट्रो के प्रथम कॉरिडोर यानी परतापुर से मोदीपुरम के ट्रैक को यथावत रखा जाएगा। सरकार खुद यह मानकर चल रही है कि शहर के भीतर मेट्रो या रैपिड से कोई एक ही ट्रेन चलेगी क्योंकि दोनों का कॉरिडोर एक साथ ही है। यदि यहां रैपिड नहीं चली या यह प्रोजेक्ट लेट हो गया तो फिर मेट्रो का क्रियान्वयन यहां हो सकेगा। मेट्रो का कॉरिडोर दो यानी श्रद्घापुरी फेज दो से जागृति विहार को भी ज्यों का त्यों रखने को कहा है।