राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नागरिकता संशोधन बिल को दी मंजूरी
नागरिक संशोधन विधेयक 2019 पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर के बाद यह विधेयक अब देश में
यह अब कानून बन गया है।
इस कानून के अनुसार हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के जो सदस्य 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हैं और जिन्हें उनके देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है, उन्हें गैरकानूनी प्रवासी नहीं माना जाएगा, बल्कि भारतीय नागरिकता दी जाएगी।
पीएम मोदी ने ट्वीट किया था कि भारत के लिए और हमारे देश की करुणा और भाईचारे की भावना के लिए ये एक ऐतिहासिक दिन है. ख़ुश हूं कि सीएबी 2019 राज्यसभा में पास हो गया है। बिल के पक्ष में वोट देने वाले सभी सांसदों का आभार। ये बिल बहुत सारे लोगों को वर्षों से चली आ रही उनकी यातना से निजात दिलाएगा।
बिल को लेकर विपक्ष के कड़े विरोध के बाद भी लोकसभा और राज्यसभा में नागरिक संशोधन बिल के पहले ही पास हो गया है। राज्यसभा में विधेयक के पक्ष में 125 मत पड़े थे व विरोध में 105 मत पड़े थे। शिवसेना ने राज्यसभा से वाक आउट किया था।