वन विभाग के आगे जिला प्रशासन बेबस और ऑटो वाले मजे में जाने कैसे
हरिद्वार।
कहने को तो राजाजी टाइगर रिजर्व के सभी गेट 15 जून को आम जनता के लिए बंद कर दिए जाते हैं। लेकिन इसे जनसेवा कहें या चांदी की गर्माहट राजाजी टाइगर रिजर्व के जहां सभी गेट आम जनता के लिए बंद किए जाते हैं वही खेल बाईपास का वह गेट जो हरिद्वार में होने वाले बड़े बड़े आयोजनों पर भी खोले नहीं जाते हैं। जबकि प्रदेश सरकार ने धर्म नगरी में होने वाले बड़े आयोजनों के दौरान हिल बाईपास से हल्के वाहनों का ट्रैफिक निकालने के लिए करोड़ों रुपए की लागत से मार्ग को दुरुस्त कराया था। वह गेट मनसा देवी ऑटो चालक मालिक वेलफेयर पंचपुरी समिति के लिए 2013 से लगातार प्रयोग किया जा रहा है। आदेश पत्र में बताया गया था कि वृद्ध आश्रम विकलांग बीमार लोगों के आवागमन के लिए कुछ शर्तों के आधार पर अनुमति दी गई थी लेकिन वर्तमान में इस में से किसी भी शर्त का पालन मौके पर नहीं कराया जा रहा है। आदेश पत्र में पार्क क्षेत्र में ऑटो रिक्शा चलाने का जो कारण बताया गया वह हास्य पद है क्योंकि मनसा देवी मंदिर पहाड़ के ऊपर स्थित है और जहां तक वृद्ध आश्रम विकलांग लोगों के आवागमन की अनुमति दी गई है, वह सीढियो वाला रास्ता है, जंहा से करीब आधा किलोमीटर पैदल मार्ग है विकलांग लोगों को वहां से भी पैदल ही जाना होगा। जबकि इस अनुमति की आड़ में आटो रिक्शा वाले मंदिर के सीढियो वाले पैदल मार्ग तक बिना किसी रोकटोक के धड़ल्ले से ले जा रहे है।
राजाजी टाइगर रिजर्व के गेट के अंदर वाले यात्रियों को ले जाने के लिए ₹40 से 150 रुपये तक वसूलते हैं। और यात्री मौके पर पहुंचकर सीढ़ियों वाला रास्ता देखते हैं तो अपने को ठगा महसूस करते हैं। आदेश पत्र में अंकित शर्तो के अनुसार वर्तमान में किसी भी शर्त का पालन टाइगर रिजर्व की हरिद्वार रेंज अधिकारी द्वारा नहीं कराया जा रहा है। ना तो ऑटो रिक्शा के रजिस्ट्रेशन और चालकों के नाम गेट पर और उसके आसपास अंकित नहीं किये गए है। न ही किसी ऑटो वाले के पास कोई टाइगर रिजर्व से जारी परिचय पत्र की दिखाया गया। इस बाबत जब क्षेत्राधिकारी शरण पाल से बात की गई तो उन्होंने किसी सवाल का जवाब दिए बिना अनुमति पत्र की कापी दे दी। बताया कि इसमें सभी सवालों के जवाब है। साथ ही बताया कि रोड पीडब्ल्यूडी की है ऑटो में वृद्ध विकलांग बीमार लोग बैठे हैं या नहीं यह देखना पुलिस का कार्य है।