विभागीय लापरवाही से उपभोक्ता परेशान, पता नही बिल संख्या नही फिर भी सालो से थोपा जा रहा

हरिद्वार।
विभागीय लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है ऐसा ही एक मामला उत्तराखंड जल संस्थान का सामने आया है जिसमें हरिद्वार के पत्रकार राम नरेश यादव को उत्तर प्रदेश के समय जब पानी के बिल उनके नाम से राम नरेश यादव पुत्र गंगा सहाय के नाम से आते थे वह लगातार जमा करते आए हैं दिखाए गये दस्तावेजों के अनुसार उन्होंने 1998 99 से 2006 तक अपने पानी के बिल जमा किए। लेकिन 2007 में उनके पास जो पानी का बिल आया, उसमें राम नरेश यादव के स्थान पर राम नरेश पाल के नाम से बिल आने लगा। साथ ही उस बिल में बिल संख्या और निवास का पता भी गलत दर्शाया गया था। यह विभागीय ही लापरवाही कहें या किसी दूसरे का बिल किसी दूसरे के ऊपर थोपा जाने का मामला कहा जा सकता है। अपना नाम बिल में पहले से देखते चले आ रहे राम नरेश यादव को जब अपना नाम बदला हुआ नजर आया तो उन्होंने इसकी कई बार शिकायत भी की परंतु विभाग द्वारा इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। और उसी गलत बिल को बढ़ा कर दिया जाता रहा। रामनरेश यादव का कहना है कि मेरे घर में इतना पानी खर्च नहीं होता है जितना के विभाग द्वारा बिल बना कर दिया जा रहा है वैसे भी यह मेरे नाम का बिल नहीं है। यह मामला उजागर हुआ जब आर्य नगर ज्वालापुर की गली नंबर 3 में राइजिंग लाइन से पानी के कनेक्शन कराने की शिकायत पर कनेक्शन काटने गई जल संस्थान के कर्मचारियों का गली के लोगों ने खदेड़ दिया इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ता कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष रामनरेश यादव ने अप्रैल माह में पेयजल मंत्री प्रकाश पंत को ज्ञापन देकर जल संस्थान के एक जेई ओर पंप चालक पर राइजिंग लाइन से पानी के कनेक्शन देने का आरोप लगाया था। शिकायतकर्ता ने शिकायत में बताया था कि कुंभ मेला 2010 में बने ओवरहेड टैंक को भरने की वाली पाइप लाइन से कालोोंई में कनेक्शन दिए जाने के कारण प्रेशर कम हो गया है। जिसके चलते ओवरहेड टैंक नहीं भर रहा है। जिनके कनेक्शन इस टैंक से हैं उन्हें पेयजल किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। मंत्री ने शिकायत की जांच कर कार्रवाई करने के लिए मुख्य महाप्रबंधक जल संस्थान उत्तराखंड को भेजा था। उन्होंने जल संस्थान के अभियंता अधीक्षण अभियंता सुबोध कुमार को जांच अधिकारी नियुक्त किया था। वह शुक्रवार को अधिशासी अभियंता नरेश पाल सिंह व सहायक अभियंता मदन सेन के साथ मौके पर पहुंचे तथा शिकायतकर्ता से भी बात की अधीक्षण अभियंता सुबोध कुमार ने स्थानीय अधिकारियों को राइजिंग लाइन के अवैध कनेक्शनों को काटने का निर्देश दिया। इसके अनुपालन में शनिवार को जल संस्थान के कर्मचारी पहुंचे लेकिन लोगों ने उन्हें घेर लिया और बैरग खदेड़ दिया। सहायक अभियंता मदन सेन ने बताया कि अधीक्षण अभियंता ने 3 अगस्त तक कार्रवाई पूर्ण करने का निर्देश दिया है। अधीक्षण अभियंता से लोगों ने भी शिकायतकर्ता की शिकायत की। उन्होंने बताया कि उसने बकाए का ₹40हजार का भुगतान नहीं किया है। इस पर उन्होंने उसके खिलाफ भी कार्रवाई करने के सख्त निर्देश दिए हैं। जबकि रामनरेश यादव का कहना है कि आरोप सरासर गलत है। राइजिंग लाइन से कनेक्शन लेकर सुख पूर्वक पानी का उपभोग करने वाले कॉलोनी वासियों को जब कनेक्शन काटने के आदेश का पता चला तो उन्होंने कनेक्शन काटने आए विभाग के कर्मचारियों को दौड़ा दिया और उनके खिलाफ लामबंद होकर उसकी शिकायत अधिकारियों से करने लगे है।