विश्व नशा मुक्ति दिवस पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा समाज में जागृति लाने का लिया संकल्प

संकल्प महिला बाल विकास समिति द्वारा विश्व नशा मुक्ति दिवस पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग , व्हाट्सएप आदि सोशल मीडिया के माध्यम से करोना काल में सोशल डिस्टेंस आदि का पालन करते हुए समाज में नशा रूपी बीमारी जिसने विशेष रुप से युवा वर्ग पर तेजी से प्रभाव डाला है, इसके विरोध मैं जागृति लाने के लिए संकल्प लिया एवं अपने विचार रखें ।

समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज गिरी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि नशा एक ऐसा अभिशाप है जिससे समूल जीवन नष्ट हो जाता है। आज के आधुनिक समय में युवा पीढ़ी सबसे ज्यादा नशे से पीड़ित है। सरकार इन पीड़ितों को नशे से छुड़ाने के लिए नशा मुक्ति अभियान चलाती है । नशे के रूप में लोग शराब, गांजा,स्मैक आदि मादक द्रव्य से अपना स्वास्थ्य तो खराब करते ही हैं साथ ही सामाजिक और आर्थिक दोनों लिहाज से भी अपनी हानि करते हैं। हमारे समाज में नशे को सदा ही बुराइयों का प्रतीक माना जाता है ।

मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि युवाओं में नशे के बढ़ते आचरण के पीछे बदलती जीवन शैली, परिवार का दबाव ,परिवार के झगड़े, इंटरनेट का अत्यधिक उपयोग ,एकांकी जीवन, परिवार से दूर रहना ,परिवारिक कलेश जैसे अनेक कारण हो सकते हैं ।

चर्चा में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विक्रांत शर्मा ने कहां मादक पदार्थों के कारण व्यक्ति अपनी अनुभूतियों संवेदना तथा भावनाओं के साथ साथ सामान्य समझ बूझ और सोचने विचारने व शरीरिक क्षमता भी खो देता है और आसपास की दुनिया से अलग-थलग हो जाता है । उन्होंने बताया समिति उत्तराखंड मे पोस्टर, पंपलेट आदि के माध्यम से समाज में जागृति लाने का प्रयास सदैव करती रही है एवम भविष्य में भी करती रहेगी।
चर्चा में भाग लेने वालों में देवेंद्र जोहरी, संजीव कुमार, मदन सिंह देवेंद्र कश्यप मेघा आदि ने अपने विचार रखें।