शहरी विकास अपनी ही गृह विधानसभा में विफल रहा। जाने कैसे
नगर निगम अखाड़े में राजनीति राजनीति खेलने के चक्कर मे भाजपा और कांग्रेस में धर्म नगरी की जनता को बरसात के मौसम में कूड़ा करकट कीचड़ और गंदगी में रहने को मजबूर कर दिया है। दोनों दलों के दिग्गज इस शतरंज के अखाड़े में एक दूसरे को शह ओर मात देने में लगे है। जिसका नतीजा इन जनप्रतिनिधियो पर विश्वास करने वाली जनता भुगत रही है।

राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद धर्मनगरी हरिद्वार के विधायक को जहां शहरी विकास मंत्री का दायित्व सौंपकर धर्म नगरी का गौरव प्रदेश सरकार द्वारा बढ़ाया गया। वहीं नगर निगम में मेयर का चुनाव कांग्रेस के जीतने के बाद शहरी विकास मंत्री और भाजपा पार्षदों के झुंड को कांग्रेसी मेयर एक नजर नहीं भायी। जिसका नतीजा यह हुआ कि जहां बरसात के मौसम से करीब एक महीना पूर्व पूरे शहर के नाले नालियों की कूड़ा कचरा और कीचड़ को निकाल कर इन्हें साफ कर लिया जाता था। वहां इस बार बारिश का आगाज भी हो चुका है, परंतु सफाई कार्य आधे भी नहीं हुए जिस कारण पहली 3 घंटे की बरसात ने हीं पूरे शहरी विकास विभाग और नगर निगम जिला प्रशासन की पोल खोल कर जनता के सामने रख दी है। पूरे शहर में मुख्य मुख्य स्थानों पर जहां जलभराव देखा गया वहीं बरसाती पानी निकलने के बाद कीचड़ कूड़ा करकट और गंदगी के ढेर लगे रहे। पूरे प्रदेश की जिम्मेदारी संभालने वाले शहरी विकास मंत्री की गृह विधानसभा का ये हाल उनकी नाकामयाबी को दर्शा रहा है। भले ही मंत्री ने एक बंद कमरे में अधिकारियों को आड़े हाथ लेतेहुये वीडियो वायरल हुई हो। लेकिन मंत्री जी के कठोर शब्दो मे कितना बल था, वो चंद्राचार्य चौक बयां कर रहा है। के सप्ताह भर पूर्व ली गयी बैठक में मंत्रीजी के दावे के बावजूद चौक पर जल निकासी के लिए की जाने वाली अस्थायी व्यवस्था भी इस डबल इंजन के शासन में बरसात से पूर्व नही हो पाई।
हरिद्वार स्थित चंद्राचार्य चौक हर वर्ष की भांति इस बार भी जलमग्न हो गया। लेकिन इस बार पानी के निकासी के लिए लगाए जाने वाले पंप भी प्रशासन की ओर से लगवाए नहीं गए। जिस कारण पूरे चंद्राचार्य चौक क्षेत्र में घंटों पानी भरा रहा वही कनखल स्थित मोहल्ला लाटोवाली का भी यही हाल रहा। बीते कुछ दिन पूर्व हुई बारिश से लाटोवाली में भरे पानी के साथ पूरे कनखल से एकत्र हुआ कूड़ा करकट भी अभी उठ नहीं पाया था। कि मंगलवार सुबह आई बारिश से वहां और कूड़ा और कीचड़ सड़क के बीचो-बीच इकट्ठी हो गई। जिससे धूप निकलने के बावजूद भी लोगों का पैदल चलना दुरभर रहा। वहीं मुख्य शहर हरिद्वार के विष्णु घाट मोती बाजार, बड़ा बाजार, कीचड़ से लबालब रहे तो भीमगोड़ा क्षेत्र में भी घंटों बारिश का पानी क्षेत्र को जलमग्न करता रहा। पहली बारिश पड़ने से जहां धर्म नगरी की जनता मैं खुशी थी। वहीं बारिश रुकने के बाद अपने घर के बाहर मोहल्ले गलियों और क्षेत्र की दुर्दशा को देखकर लोगों में नगर प्रशासन और सरकार के खिलाफ रोष भी उत्पन्न हुआ।