शायद मेयर ओर उनके सलाहकारों को इस लोक का रास्ता भी मालूम नही। या ये कहे कि इस लोक में उनका स्वच्छता अभियान देखेगा कौंन..? 

हरिद्वार।

भेल से अलग हुए विष्णुलोक कालोनी भले ही नगर निगम का हिस्सा बन गयी हो। लेकिन सफाई के नाम पर यहां नगर निगम का एक कूड़ा दान भी नही है। न ही कोई जनप्रतिनिधि वहां की आवाज उठा रहा है। विष्णुलोक के हालात नर्कलोक के समान हो गए है।  

ओर शायद हरिद्वार की कर्तव्यनिष्ट मेयर साहिबा ओर सलाहकारों को तो इस लोक का रास्ता भी मालूम नही। या ये कहे कि इस लोक में उनका स्वच्छता अभियान देखेगा कौंन..? 

भारत के यशश्वी प्रधानमंत्री की स्वर्णिम योजना स्वच्छ भारत अभियान को पलीता लगाते हुए ज्वालापुर क्षेत्र के वासियो द्वारा अपने घरों का कूड़ा करकट के अलावा घरो ओर डेरियों में पाले जा रहे पशुओ गाय, भैंसों के गोबर भी इन्ही खाली पड़े मैदानों में सालो से डाला जा रहा है। विष्णुलोक कालोनी में जाने के लिए कोई स्थायी मार्ग न होने के चलते इन्ही गंदगी के ढेरों के बीच से गुजर कर जाना पड़ता है। करीब 15 हजार की आबादी वाले विष्णुलोक कालोनीवासियो के हालात बरसात में ओर बुरे हो जाते जब बारिश के पानी मे यह गंदगी और सड़ने लगती है। और चारो ओर दुर्गन्ध फैलने लगती है। डेंगू, मलेरिया, वायरल बुखार आदि बीमारियों का अधिपत्य इस क्षेत्र में हो जाता है। जहां नगर निगम और भेल इस ओर कोई ध्यान नही देता है। वही शहर भर में जगह जगह घूम घूम कर सफाई अभियान के नाम पर प्रचार करने में लगे मेयर ओर उनके कारिंदों को आज तक विष्णुलोक कालोनी की जानकारी भी नही है। न ही विष्णुलोक कालोनी के लिए कोई योजना बनाई गई।

इस जानकारी के बाबत मेयर प्रतिनिधि(पति) से कई बार फोन पर सम्पर्क साधने के प्रयास किया, लेकिन फोन नही उठा।