सूर्य ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए करें ये उपाय
आज यानि 15 फरवरी 2018 को साल का सबसे पहला सूर्य ग्रहण लगा है. खण्डग्रास सूर्य ग्रहण 15 फरवरी गुरुवार मध्यरात्रि 0 0 :25 मिनट पर आरंभ होगा. परम ग्रास 16 फरवरी सुबह 02 :24 मिनट पर और ग्रहण समाप्ति 16 फरवरी सुबह 04 :17 मिनट पर होगी. पौराणिक मान्यता के अनुसार, ग्रहण धरती के वातावरण को अशांत और दूषित करता है. आध्यात्मिक स्तर पर भी ग्रहण एक विशेष घटना है. उस समय वातावरण में रज-तम बढ़ जाता है जिसका मानव पर हानिकारक प्रभाव होता है. सूर्य ग्रहण का प्रभाव लगभग 15 दिनों तक रहेगा.
इस नकारात्मक प्रभाव को कुछ उपायों से कम किया जा सकता है. दूसरी तरफ शास्त्रों के अनुसार, ग्रहण के समय दिया हुआ दान, जप, तीर्थ, स्नानादि का फल अनेक गुणा होता है. चंद्रग्रहण की अपेक्षा सूर्य ग्रहण का समय मंत्र सिद्धि, साधनादि के लिए अधिक सिद्धिदायक माना जाता है.
-सूर्य ग्रहण के बाद सुबह शिव मंदिर में घी के दीये जलाएं. महादेव को जौ चढ़ाएं -ऊं सदाशिवाय नम का जाप करें और शिव स्रोत का पाठ करें. लाल चादर दान करें.नारायण मंदिर में चंदन की लकड़ी चढ़ाएं. साबुत मूंग मंदिर में दान करें. ऊं लक्ष्मीकांताय नम: का जाप करें. गंगाजल डालकर स्नान करे और गुड़-रोटी दान करें. गणपति को वस्त्र भेंट करें. ऊं गणपताय नम: का जाप करें. गणपति मंदिर की 32 परिक्रमा करें. केले-सेब का दान करें.ग्रहण खत्म होने के बाद देवी मंदिर में काले चने अर्पित करें. सुहाग की वस्तुएं मां को चढ़ाएं -श्री सर्वसंपदप्रदाय नम: का जाप करें. ब्राहमण को यथाशक्ति भेंट करें.