हज यात्रा पर मिलने वाली सब्सिडी पर २०१८ में रोक
केंद्र सरकार ने हज यात्रा पर मिलने वाली सब्सिडी को पूरी तरह खत्म कर दिया है. केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को कहा कि हज यात्रा पर दी जाने वाली रियायत इस साल से खत्म कर दिया गया है. यानी इस साल करीब 1.75 लाख मुस्लिम जायरीन बिना सब्सिडी के हज जाएंगे.
केंद्रीय मंत्री नकवी ने इस बारे में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हज सब्सिडी का इस्तेमाल अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों और महिलाओं के शैक्षिक सशक्तीकरण के लिए किया जाएगा, ताकि उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े हुए समाज को बराबरी का एहसास कराया जाएगा. सब्सिडी से मुलसमानों का फायदा नहीं होता था, बल्कि इसका फायदा कुछ संस्थाओं को होता था.
इससे पहले नई हज नीति का मसौदा तैयार करने वाली समिति के प्रमुख अफजल अमानुल्ला ने 45 साल से कम उम्र की महिलाओं को भी ‘मेहरम’ के बिना हज पर जाने की अनुमति देने का सुझाव दिया था. सरकार ने इस बार से 45 साल और इससे अधिक उम्र की महिलाओं को ‘मेहरम’ के बिना हज पर जाने की इजाजत दी थी. सऊदी अरब के जेद्दा में भारत के महावाणिज्य दूत रहे अमानुल्ला ने मीडिया से कहा, ‘‘अगर सरकार चाहे तो 45 वर्ष से कम उम्र की मुस्लिम महिलाओं को भी मेहरम के बिना हज पर जाने की इजाजत दे सकती है. अगर कोई भी बालिग लड़का हज पर जा सकता है तो फिर बालिग लड़की क्यों नहीं जा सकती? वैसे, इस बारे में कोई भी कदम सरकार को ही उठाना है.’’ अफजल उन्होंने कहा कि सऊदी अरब सरकार की तरफ से अतीत में ‘मेहरम’ वाली कोई रोक नहीं थी और यह शर्त भारतीय पक्ष की तरफ से थी.