होली पर वन विभाग की संवेदनहीनता सामने आई, तस्करों ने बड़ी तादात में काट दिए खैर के पेड़

हरिद्वार। वन प्रभाग के अन्तर्गत चिड़ियापुर रेंज में एक बार फिर वन तस्करों द्वारा भारी मात्रा में बहुमूल्य खैर के पेड़ों का कटान किया गया। जिसकी भनक तक विभाग को कई दिन बाद लगी।हरिद्वार  डीएफओ ने बताया कि मामले की जांच चल रही है, तस्करों को पकड़ने के लिए टीम का गठन किया गया है। एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है, बाकी फरार लोगो को पकड़ने के लिए टीम अपना कार्य कर रही है।।

चिड़ियापुर रेंज के कम्पार्टमेंट नम्बर आठ वन तस्करों द्वारा एक दो नही बल्कि पूरे 36 खेर के पेड़ों पर आरे चलाये गये। और विभाग कुम्भकर्णी नींद सोता रहा। हैरत की बात यह है कि तस्कर 36 पेड़ो को काट कर वही फेंक गये।जिसको की 24 मार्च को सूचना मिलने पर विभाग ने अपने कब्जे में लिय। इसमें कोई दो राय नहीं की तस्करों द्वारा यह पेड़ होली वाले दिन या इसके आस पास के दिनों में ही काटे गए।जबकि विभाग की ओर से होली के दिनों में जंगलो में गश्त बढ़ाने के साथ जंगल व जंगली जानवरों की कड़ी सुरक्षा के आदेश प्रेषित किये जाते हैं। बडा सवाल ये है कि यदि होली के दिनों में वन विभाग की ओर से इतने ही कड़े इंतजामात थे तो आखिर तस्करों ने इतनी बड़ी संख्या में पेड़ो को कैसे काट दिया। ? इस प्रकार की लापरवाही चिड़ियापुर रेंज व वन विभाग की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगा रही है। आखिर संवेदन शील दिनों में इतनी बड़ी लापरवाही का जिम्मेदार कौन है। पूर्व में भी यह रेंज ऐसे मामलो में सुर्खियों में रहा है जिसके कारण चिड़ियापुर रेंज काफी बदनाम भी है।मगर पूर्व में वन तस्कर पेड़ो को काट कर अपने साथ ले जाते थे, मगर इस बार तश्करो ने इतनी बड़ी संख्या में लाखों रुपये के पेड़ों को काट कर वन विभाग के लिए उपहार स्वरूप छोड़ कर चले गए और यह सन्देश देने में भी कामयाब हो गए कि विभाग के कर्मचारी अपने कर्तव्य के प्रति कितने सजग है।इस प्रकार के मामलो में सुर्खियों में रहने के बावजूद भी विभाग की ओर से इस रेंज में पड़ने वाले जंगल व् जंगली जानवरों की सुरक्षा को लेकर कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं।तस्करों द्वारा काटे गए इन पेड़ों की कीमत लाखों में बतायी जा रही है।वही रेंज अधिकारी मुकेश कुमार ने बताया कि तस्करों द्वारा 36 पेड़ो को काटा गया है, मगर पेड़ो को अपने साथ नही ले जा सके।सूचना मिलते ही पूरा माल कब्जे में ले लिया है।साथ ही उन्होंने बताया कि जंगल में वाहनों के लिए रास्ता नहीं होने के कारण ये लोग कटे हुए पेड़ो को अपने साथ ले जाने में कामयाब नहीं हो पाए। बताते चलें कि जब जंगल से रेंज कार्यालय तक कटे हुए पेड़ वाहनों से लाये जा सकते हैं तो क्या चोर(तस्कर) के लिए रास्ते बनाना कोई बड़ी बात नही। वही इस बाबत जब डी एफओ आकाश वर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि तस्करों द्वारा खैर के पेड़ काटे जाने की सूचना मिली थी। मोके पर निरक्षण किया गया था। बताया कि पूरे मामले की जांच चल रही है और आरोपियों की गरफ्तारी के लिए टीम का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि टीम ने एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है, जल्द उसके अन्य साथी भी गिरफ्त में होंगे।