*जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा ही है “संस्कार युक्त शिक्षा”!*

ऋषिकेश दिनांक 27 मार्च 2021_
सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज आवास विकास ऋषिकेश की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के षष्ठ दिवस पर स्वयंसेवकों द्वारा आवास विकास क्षेत्र में जाकर “संस्कार युक्त उत्तराखण्ड, नशा मुक्त उत्तराखण्ड” अभियान के तहत आमजन से लगभग 160 संकल्प पत्र भरवाए गए।

उद्बोधन सत्र में काली कमली संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य गिरीश कुमार पांडेय ने अपने संबोधन में छात्र-छात्राओं को संस्कार युक्त शिक्षा का अर्थ बताते हुए वैदिक सभ्यता का परिचय दिया एवं स्वयंसेवियों का मार्गदर्शन किया तथा बताया कि अंगुलिमाल (वाल्मीकि) पर भगवान बुद्ध के सकारात्मक प्रभाव तथा संस्कार युक्त शिक्षा से जीवन में परिवर्तन हुआ और महर्षि वाल्मीकि के नाम से विख्यात हुए, उदाहरण देते हुए उन्होंने यह भी बताया कि गुरुकुल ही नहीं बल्कि पारिवारिक स्तर पर भी शिशु को अपनी प्रथम पाठशाला (परिवार) में शिक्षित करने के लिए माता पिता द्वारा संतान को अच्छे संस्कार दिए जाने चाहिए। अतः संस्कार रूपी दृढ़ निश्चय, शिक्षा का मूल आधार है।विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेंद्र प्रसाद पांडे ने कहा की स्वयंसेवी पूरी निष्ठा एवं सकारात्मक ऊर्जा के साथ अपना कार्य कर रहे हैं यदि प्रत्येक व्यक्ति स्वावलंबी एवं कर्मशील हो तो हमारा देश विश्व में अग्रणी स्थान पर होगा।
कार्यक्रम अधिकारी रामगोपाल रतूड़ी ने कहा कि संस्कार, संस्कृति का आधार है, तथा आधुनिक समय में पाश्चात्य संस्कृति युवाओं पर हावी है जिसे बदलने के लिए वैदिक संस्कृति को ध्यान में रखकर वर्तमान पीढ़ी को स्वावलंबन की भावना के साथ सर्वांगीण विकास के लिए प्रेरित करना चाहिए।