खुद को साफ स्वच्छ रख बस यही सुरक्षा कवच रख

खुद को साफ स्वच्छ रख
बस यही सुरक्षा कवच र
सिर किसी का हो फोड़ता नहीं
फिर भी जान यह छोड़ता नहीं
अदृश्य है लेकिन आसपास है इसका तो लक्ष्य ही विनाश है
इसलिए बात मेरी मान ले
बस घर में ही रहना ठान ले
कब से यही कह रहे हैं हम
घर में ही रोक ले तू कदम
अब जरा ना तू भूलकर
फॉलो सारे तू रूल कर
इसने विश्व को हिला दिया
कितनों को विश पिला दिया
घर में खाने का जुगाड़ रख
बंद अपने तू किवाड रख
जो गलत उठा तेरा कदम
संकट में फंसेगे मेरे भी दम
कब से यही कह रहे हैं हम
क्यों खेल रहा है जान पर
बीवी बच्चोंका भी ध्यान कर
दुनियादारी से भी हटे रहो
दोस्तों से भी अब कटे रहो
बसथोड़े दिन का सब्र रख
वरना खोदकर कब्र रख
बस घर में ही पड़े रहो
इसी जिद पर अड़े रहो
घर से नहीं निकलेंगे हम
मिलकर खाएं यह कसम
बाहर नहीं रखेंगे कदम
बाहर नहीं रखेंगे कदम

 

पुष्प राज धीमान गांव नसीरपुर कला हरिद्वार