राजकीय महाविद्यालय ऋषिकेश में “आज़ादी का अमृत महोत्सव” कार्यक्रम के अंतर्गत किया गया विचार गोष्ठी का आयोजन ।

ऋषिकेश दिनांक 15 मार्च 2021_
राजकीय महाविद्यालय ऋषिकेश में आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत “वर्तमान परिपेक्ष में स्वतंत्रता के निहितार्थ” विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।


इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर पंकज पंत ने छात्र-छात्राओं एवं महाविद्यालय के प्राध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें आजादी की लड़ाई से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। यदि हम पूर्व के अनुभव से नहीं सीख पाते तो स्वयं की गलतियों से सीखने के लिए जीवन छोटा पद जाएगा इसलिए जरूरी है कि हम आजादी की लड़ाई के दौरान हमारे स्वतंत्रा सेनानियों ने किया उनके जीवन से सीखे | उन्होंने कहा की हम दो शर्ट कम पहन ले एक सूट कम सिला लें एक जोड़ी जूते से काम चला ले लेकिन अपने पैसे बचा कर हमें आजादी का साहित्य पढ़ना चाहिए | उन्होंने बताया कि आप में से बहुत से लोग भगत सिंह को जानते होंगे लेकिन दुर्गा भाभी का इतिहास आज भी मात्र किताबों में है जो जन मानस तक आज भी नहीं पहुच पाया | जरूरी है कि हम ऐसे किरदारों को पढ़ें जो वास्तव में नींव के पत्थर थे और जो आज भी गुमनामी में जी रहे हैं|


इस अवसर पर गोष्ठी के संयोजक डॉ देवमणि त्रिपाठी ने बताया आजादी का मतलब मम्मी पापा की डांट से आजादी नहीं है, आजादी का मतलब क्लास में उपस्थित होने से आजादी नहीं है उनकी आजादी का मतलब है कि हम अपने जीवन में जो कुछ बनना चाहते हैं जो कुछ करना चाहते हैं उसको करने और सीखने की आजादी हमें मिले |
कार्यक्रम आयोजन समिति के सदस्य डॉ दयाधार दीक्षित ने कहा की “आजादी का अमृत महोत्सव” दांडी मार्च के प्रारंभ के दिन 12 मार्च से 5 अप्रैल तक चलेगा और इस दौरान हमें वर्तमान परिपेक्ष में अपनी जिम्मेदारियां तय करनी होंगी | महात्मा गांधी ने नमक पर टैक्स देने से इंकार कर दिया था इसका आशय यह नहीं है कि आज हम अपनी सरकार को टैक्स देने से मना कर दे बल्कि इसका आशय है कि हम आज के परिपेक्ष में अपनी संस्कृति और राष्ट्र को मजबूत करने के लिए अपने योगदान को तय करें |
छात्रों की ओर से बोलते हुये बी एस सी तृतीय सेमेस्टर की छात्रा पूजा जोशी ने कहा कि आखिर महाविद्यालय में ड्रेस कोड लागू क्यों नहीं किया जाता ? क्या आजादी का मतलब महाविद्यालय में भी फैशन परेड करना है? जोशी ने बताया कि महाविद्यालय में विभिन्न आय वर्ग के छात्र छात्राएं आती हैं और उनमें किसी प्रकार का भेदभाव ना हो इसके लिए ड्रेस कोड जरूरी है पूजा जोशी ने प्राचार्य जी से ड्रेस कोर्ट को अनिवार्य करने का आग्रह किया |
इस अवसर पर डॉ मुक्तिनाथ यादव, डॉ पूजा कुकरेती, डॉ राकेश कुमार, डॉ विभा कुमार, डॉ शकुंज राजपूत सहित अन्य प्राध्यापक उपस्थित थे|