राज्य में मुख्य प्रशासनिक अधिकारीयो को तहसीलदारों की अनुपस्थिति में कार्य आवंटन के विरुद्ध उत्तराखंड भूलेख संवर्गीय कर्मचारी महासंघ ने तहसील परिसर में किया चक्का जाम।


हरिद्वार, (संजय राजपूत)। उत्तराखंड भूलेख संवर्गीय कर्मचारी महासंघ द्वारा तहसीलो में कार्यरत मुख्य अथवा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारीयो को तहसीलदार अथवा नायब तहसीलदार की अनुपस्थिति में न्यायिक कार्यों को छोड़कर बाकी सभी कार्य आवंटन के विरुद्ध तहसील परिसर में आज से दो दिवसीय कार्य बहिष्कार किया गया। महासंघ ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को दिए गए ज्ञापन में चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वे 1 अप्रैल से कलमबद्ध हड़ताल पर चले जायेंगे। इस मामले में विस्तार से बताते हुए उत्तराखंड रजिस्ट्रार कानूनगो संघ के सभा अध्यक्ष अमरीश शर्मा व उत्तराखंड लेखपाल संघ के अध्यक्ष बृजभूषण ने कहा कि जनवरी 2019 में भी इसी तरह का कार्य आवंटन किया गया था परंतु उत्तराखंड भूलेख संवर्गीय कर्मचारी महासंघ द्वारा विरोध के बाद राजस्व परिषद के आदेश को निरस्त कर दिया गया। अब पिछले महीने पुनः वही कार्य आवंटन का आदेश पारित कर दिया गया है जिसके कारण महासंघ को अभी दो दिवसीय कार्य बहिष्कार के लिये बाध्य होना पड़ा। उन्होंने बताया कि उक्त कार्यों हेतु जिन मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों को कार्यभार दिया जाता है उनकी पदोन्नति की प्रक्रिया कनिष्ठ लिपिक से वरिष्ठ लिपिक, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ततपश्चात मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पद तक होती है। जबकि नायब तहसीलदार अथवा तहसीलदार का कार्य बेहद महत्वपूर्ण होने के कारण उनकी तैनाती से पूर्व राजस्व कार्यपालक सेवा के कार्मिकों को 1 वर्ष का राजस्व उपनिरीक्षक प्रशिक्षण, 3 माह का व्यवहारिक पुलिस प्रशिक्षण, 3 माह का राजस्व निरीक्षक प्रशिक्षण व साढ़े चार माह का नायब तहसीलदार प्रशिक्षण के बाद ही नायब तहसीलदार के पद पर प्रोन्नति दी जाती है और बाद में विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण करने पर ही तहसीलदार पद पर प्रोन्नति दी जाती है जिसमे से कोई भी प्रशिक्षण क्या वरिष्ठ अथवा मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पास है? इस पूरी प्रशिक्षण प्रक्रिया में क्रमवार पहले पटवारी फिर कानूनगो ततपश्चात रजिस्ट्रार कानूनगो और फिर नायब तहसीलदार के पद पर पदोन्नति होती रही है फिर एक विभागीय परीक्षा के बाद तहसीलदार का पद दिया जाता रहा है परंतु उत्तराखंड राज्य में कई वर्षों से किसी की भी पदोन्नति नही हुई है। इसी वजह से राज्य में नायब तहसीलदार व तहसीलदार के पद रिक्त हैं। अगर शासन द्वारा पदोन्नति की प्रक्रिया पुनः प्रारंभ हो जाये तो ये रिक्तियां स्वतः ही भर जाएंगी।