बच्चों के शुरुआती विकास को सुदृढ़ बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार लगातार कार्य कर रही है: मुख्यमंत्री धामी

कोदेहरादून/8अगस्त/मंगलवार /आज उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में राज्य स्त्री शक्ति “तीलू रौतेली” एवं “आंगनवाड़ी कार्यकत्री” पुरस्कार वितरण समारोह मे शिरकत करते हुए कहा कि अपूर्व शौर्य, संकल्प और वीरता की धनी तीलू रौतेली जी की जयंती पर उन्हें नमन करता हू ।उन्होंने अपने दुश्मनों को दांतों तले उंगुली दबाने को मजबूर कर दिया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी भारतीय सनातन संस्कृति में माताओं को देवी का दर्जा दिया गया है। हमारी मातृशक्ति किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है और पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है।
धामी ने कहा कि हमारी सरकार ने आगंनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी बहनों को सशक्त बनाने के लिए उनके मानदेय में वृद्धि की है। मैं इस मंच के माध्यम से ये विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आपके भाई के रूप में जो भी आपके लिए बेहतर होगा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों के शुरुआती विकास में को सुदृढ़ बनाने के लिए सरकार लगातार कार्य कर रही है। बच्चों के शुरुआती विकास में इन केंद्रों की अहम भूमिका होती है। मेरे भी दोनों बच्चों ने अपनी शुरुआती शिक्षा आंगनबाड़ी केंद्र से ही की थी।
धामी ने कहा कि हमने तीलू रौतेली पुरस्कार की धनराशि बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही आंगनबाड़ी पुरस्कार राशि को भी बढ़ा दिया गया है।
"विरांगना तीलू रोतेला"
तीलू रौतेली या तिलोत्तमा देवी, गढ़वाल उत्तराखण्ड की एक ऐसी वीरांगना जो केवल 15 वर्ष की उम्र में, रणभूमि में कूद पड़ी थीं और सात साल तक जिसने अपने दुश्मन कत्यूरी राजाओं को कड़ी चुनौती दी थी। 22 साल की उम्र में उन्होने 13 गढ़ों पर विजय प्राप्त कर ली थी और अंत में अपने प्राणों की आहुति देकर वीरगति को प्राप्त हो गई। तीलू रौतेली आज एक वीरांगना के रूप में उत्तराखंड वासियों द्वारा याद की जाती हैं।उन्हें उत्तराखंड की लक्ष्मी बाई कहा जाता है।