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*कोवीड संक्रमण से स्वस्थ होने वाले गंभीर रोगियों के लिए उपचार के बाद भी सतर्क रहना बेहद जरूरी / डॉo सौरभ*

ऋषिकेश दिनांक 08 मई 2021_
कोविड संक्रमण से स्वस्थ होने वाले गम्भीर रोगियों के लिए उपचार के बाद भी कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है। इनमें गर्म पानी का नियमित सेवन करना और दैनिक स्तर पर व्यायाम करना शामिल है। झारखंड के एम्स निदेशक व पूर्व में एम्स ऋषिकेश के पूर्व विभागाध्यक्ष नाक कान गला विशेषज्ञ डॉ. सौरभ वार्ष्णेय ने इस बाबत आवश्यक सुझाव दिए हैं। कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले गम्भीर व्यक्ति उपचार के बाद भी अनेक प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रहते हैं। ऐसे लक्षणों में थकावट मससूस होना, शरीर मे दर्द, खांसी, गले में खरास होना ओर सांस लेने में तकलीफ होना आदि लक्षण हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह मोसमी वायरल भी हो सकता है। इसके अलावा कोविड से प्रभावित व्यक्ति को स्वस्थ होने के बाद शारीरिक रूप से होने वाली परेशानियों की जानकारी भी सीमित होती है।
इस बाबत एम्स निदेशक डॉ0 वार्ष्णेय ने बताया कि कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले रोगियों की देखभाल हेतु एक समग्र और व्यापक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता होती है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस रोगी के शरीर और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर हमला करता है। लिहाजा अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद भी स्वस्थ होकर लौटे कोविड मरीजों की पर्याप्त देखभाल बहुत जरूरी है। निदेशक सौरभ वार्ष्णेय ने बताया कि ऐसे रोगी जो गंभीर रूप से संक्रमित हुए हों अथवा पूर्व में किसी अन्य बीमारी से ग्रसित रहे हों, उन्हें पूर्ण स्वस्थ होने में अधिक समय लग सकता है। लिहाजा उन्हें घर पर रहते हुए भी कोविड नियमों और इस महामारी से बचाव को लेकर जारी गाइडलाइनों का गंभीरता से पालन करना चाहिये।
उन्होंने बताया कि अस्पताल से स्वस्थ होकर घर लौटे व्यक्ति की देखभाल उतनी ही जरूरी है जितनी अस्पताल में की जाती है।

उन्होंने सलाह दी कि ऐसे लोगों को शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ अपने मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना चाहिए। बताया कि शारीरिक दुर्बलता की वजह से भी तनाव पैदा होता है और भय तथा अवसाद दोनों ही हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। ऐसे में तनावमुक्त रहना बहुत जरूरी है। इसके अलावा स्वस्थ होने के बाद भी गर्म,गुनगुने पानी का सेवन करते रहना चाहिए। कोविड से ठीक होने के बाद अस्पताल घर लौटे मरीजों को पर्याप्त मात्रा पानी का सेवन करना जरूरी है। डाॅ. वार्ष्णेय का कहना था कि कोविड के दौरान अत्यधिक शीतलपेय अथवा ठंडा पानी नुकसान पहुंचा सकता है।
उन्होंने कहा कि जो सरकार की तरफ से वैक्सीनेशन दो डोज लगाई जा रही है, वह पूरी तरह कारगर है।