शाम ढलते ही ग्रामीणों में तेंदुए का भय
हरिद्वार।
चिड़ियापुर रेंज के अंतर्गत लाहड़पुर गांव में गुलदार का आतंक शाम होते ही शुरू हो जाता है। कभी बकरी तो कभी कुत्ता गांव से गायब हो रहे है। गुरुवार शाम को एक ग्रामीण अपनी बकरी बचाने के चक्कर में घायल हो गया। शोर शराबा मचाने पर गुलदार जंगल में भाग गया। डीएफओ आकाश कुमार ने बताया कि मामला अभी तक उनके संज्ञान में नहीं आया है, ना ही किसी ने कोई शिकायत की है।
मिली जानकारी के अनुसार हरिद्वार वन प्रभाग क्षेत्र के चिड़ियापुर रेंज में आने वाले गांव लाहड़पुर निवासी कोटावाली नदी के किनारे बकरी चरा रहा था। अचानक गुलदार ने बकरी को हमला कर दिया जिसको देखकर सिंह ने शोर मचा दिया शोर सुनकर आसपास बकरी चराने वाले अन्य लोग भी एकत्र हो गए। उन्होंने शोर मचाना शुरू कर दिया शोर सुनकर गुलदार बकरी को छोड़कर भाग गया। वहीं बकरी बचाने के चक्कर में ग्रामीण घायल हो गया। ग्रामीणों ने बताया कि इससे पहले भी गुलदार ने लहाड़पुर के राकेश, सोमनाथ, राजा राम, प्रकाश आदि की बकरियों को तथा रविंद्र के कुत्ते को मार कर अपना निवाला बना चुका है। ग्रामीणों का कहना है कि गुलदार के ताबड़तोड़ हमले से लाहड़पुर के ग्रामीण विशेष रूप से बकरी पालने कुत्ता पालने वाले भयभीत हैं। गुलदार बकरी व कुत्तों को अपना निवाला बना रहा है। वन दरोगा रविंद्र गोसाई ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर घटनास्थल का निरीक्षण किया वह घटनास्थल घटना के संबंध में रेंज कार्यालय चिड़ियापुर को अवगत करा दिया है। क्षेत्र में गांव तीन ओर से जंगल और एक ओर कोटावाली नदी है इसी कारण यहां खतरा बना रहता है ग्रामीणों को रात भर जाग कर अपने पशुओं की रक्षा करनी पड़ती है।