गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय व सेंटर फार ऐरोमेटिक प्लांटस उत्तराखण्ड आने वाले समय में क्षेत्रीय औषधीय वनस्पति के सुगंधित पौधों पर अनुसंधान के क्षेत्र में करेंगे मिलकर कार्य

हरिद्वार, संजय राजपूत। गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार व सेंटर फार ऐरोमेटिक प्लांटस उत्तराखण्ड आने वाले समय में क्षेत्रीय (मेडीसन) औषधीय वनस्पति के सुगंधित पौधों पर अनुसंधान के क्षेत्र में मिलकर कार्य करेंगे, जिसका आने वाले समय में प्रदेश व देश के लोगों को व्यापक लाभ मिलेगा। इससे जहां एक तरफ हमारे सुदूर क्षेत्रों में होने वाली वनस्पतीय पौधों की सुगंधीय गुणों का लाभ आम जनता तक पहुंचेगा वहीं, दूर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं को भी बेहतर रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। इस अवसर पर गुरुकुल कांगड़ी के कुलपति प्रो0 रूपकिशोर शास्त्री व सेंटर फार ऐरोमेटिक प्लांटस के निर्देशक निपेन्द्र सिंह चौहान ने एम0ओ0यू0 पर हस्ताक्षर किए। निपेन्द्र सिंह चौहान ने इस अवसर पर बताया कि उत्तराखण्ड सरकार का यह उपक्रम प्रदेश में बड़ी संख्या में पाए जाने वाले सुगंधीय पौधों पर अनुसंधान के क्षेत्र में पिछले डेढ़ दशक से अधिक समय से महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। गुरुकुल कांगड़ी के साथ मिलकर इस दिशा में और तेज गति से अनुसंधान के कार्यों को किया जाएगा जिसके चलते यहां शिक्षा प्राप्त कर रहे शोध छात्रों को हमारे संस्थान द्वारा सुदूर क्षेत्रों में शोध अनुसंधान के अवसर उपलब्ध कराए जायेंगे तथा दोनों संस्थान मिलकर गहन शोध कार्य कर प्रदेश में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य करेंगे। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रूपकिशोर शास्त्री ने कहा कि गुरुकुल कांगड़ी हमेशा से उत्कृष्ट शोध कार्यों में अग्रसर रहा है। इस एम0ओ0यू0 के होने से निश्चय ही हमारे शोध छात्रों को शोध के क्षेत्र में बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे, जो आने वाले समय में प्रदेश व देश के युवाओं के लिए मिल का पत्थर साबित होगा। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा0 सुनील कुमार आयुर्वेद एवं आयुर्विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो0 आर0सी0 दुबे, प्रो0 वी0के0 सिंह ने विचार व्यक्त किए। भेषज विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो0 सत्येन्द्र राजपूत ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर प्रो0 अंजली गोयल, डा0 जसपाल सिंह, डा0 प्रिंस, राघव दीक्षित इत्यादि उपस्थित रहे।